लखपति दीदी सम्मेलन को संबोधित किया प्रधानमंत्री ने
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अपराधी के मददगार भी अपराधी हैं
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कोई भी अपराधी बचना नहीं चाहिए
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नये कानून में बेहतर प्रावधान किये
राष्ट्रीय खबर
मुंबईः महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, माताओं, बहनों और बेटियों की ताकत बढ़ाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी देश की प्राथमिकता है।
मैंने लाल किले से इस मुद्दे को बार-बार उठाया है। आज देश का कोई भी राज्य हो, मैं अपनी बहनों और बेटियों के दर्द और गुस्से को समझता हूं।
मैं एक बार फिर देश के हर राजनीतिक दल, हर राज्य सरकार से कहूंगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध एक अक्षम्य पाप है। जो भी दोषी है, उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, जो लोग किसी भी रूप में उनकी मदद करते हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए। चाहे वह अस्पताल हो, स्कूल हो, सरकार हो या पुलिस व्यवस्था हो, जिस भी स्तर पर लापरवाही होती है, सभी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
संदेश ऊपर से नीचे तक बहुत स्पष्ट रूप से जाना चाहिए। यह पाप अक्षम्य है। सरकारें आती-जाती रहेंगी, लेकिन जीवन की रक्षा और महिलाओं की गरिमा की रक्षा करना हम सभी की एक बड़ी जिम्मेदारी है, एक समाज और एक सरकार के रूप में।
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के खिलाफ चल रहे राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच आई है।
9 अगस्त की सुबह अस्पताल के चेस्ट विभाग के सेमिनार हॉल के अंदर डॉक्टर का शव गंभीर चोटों के निशान के साथ मिला था। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले की जांच कर रही है। मुख्य आरोपी संजय रॉय 6 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, माताओं-बहनों-बेटियों का सामर्थ्य बढ़ाने के साथ- साथ उनकी सुरक्षा भी देश की प्राथमिकता है। मैंने लाल किले से भी बार-बार इस विषय को उठाया है।
आज देश का कोई भी राज्य हो, अपनी बहनों-बेटियों की पीड़ा को, उनके गुस्से को मैं समझ रहा हूं।
मैं एक बार फिर देश के हर राजनीतिक दल से कहूंगा, हर राज्य सरकार से कहूंगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप है। दोषी कोई भी हो, वो बचना नहीं चाहिए।
श्री मोदी ने कहा, महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा देने के लिए हमारी सरकार कानूनों को भी लगातार सख्त कर रही है। आज इतनी बड़ी संख्या में देश की बहनें-बेटियां यहां हैं, तो इसलिए मैं विशेष तौर पर ये आपको बताना चाहता हूं। पहले ये शिकायत आती थी कि समय पर एफआईआर नहीं होती। सुनवाई नहीं होती।
मुकदमों में देर बहुत लगती है। ऐसी अनेक अड़चनों को हमने भारतीय न्याय संहिता में दूर कर दिया है। इसमें एक पूरा चैप्टर, महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अत्याचार के संबंध बनाया गया है।
अगर पीड़ित महिलाओं को थाने नहीं जाना है, तो वो घर बैठे ई-एफआईआर दर्ज करा सकती है। हमने ये भी पक्का किया है कि ई-एफआईआर से थाने के स्तर पर कोई टालमटोल या फिर छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा। इससे तेज़ी से जांच करने और दोषियों को कड़ी सज़ा मिलने में भी मदद मिलेगी।
नए कानूनों में नाबालिगों से हुए यौन अपराधों पर फांसी और उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। बेटियों के साथ शादी के नाम पर भी धोखे के कई मामले आते रहे हैं। पहले इसके लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं था।
अब भारतीय न्याय संहिता में शादी के झूठे वादों और छल को भी साफ-साफ परिभाषित किया गया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं केंद्र सरकार, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए हर तरीके से राज्य सरकारों के साथ है। हमें भारत के समाज से इस पाप की मानसिकता को मिटाकर ही रुकना होगा।