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कांग्रेस ने कहा नागपुर से मिसाइल दागी गयी

आरएसएस प्रमुख के गुमला में दिये बयान से राजनीति गरमायी


  • गुमला के कार्यक्रम में दिया बयान

  • सुपरमैन से भगवान तक का उल्लेख

  • भागवत ने अग्नि मिसाइल दागीः कांग्रेस


राष्ट्रीय खबर

 

नई दिल्लीः आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि लोगों को अपनी उपलब्धियों से कभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए और मानव जाति के कल्याण के लिए अथक प्रयास करना चाहिए क्योंकि विकास और मानव महत्वाकांक्षा की खोज का कोई अंत नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि व्यक्ति को मानवता की सेवा करने का प्रयास करना चाहिए।

कांग्रेस ने गुरुवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की भगवान टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि यह टिप्पणी नागपुर द्वारा दागी गई अग्नि मिसाइल है जिसका लक्ष्य लोक कल्याण मार्ग है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय नागपुर में स्थित है, जबकि 7 लोक कल्याण मार्ग प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास है।

झारखंड के गुमला में एक गैर-लाभकारी संगठन विकास भारती द्वारा आयोजित एक ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता बैठक को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, आत्म-विकास के क्रम में, एक व्यक्ति सुपरमैन, फिर देवता और भगवान बनना चाहता है और विश्वरूप की आकांक्षा रखता है, लेकिन कोई भी निश्चित नहीं है कि आगे क्या होगा।

उन्होंने कहा कि आंतरिक और बाहरी आत्म के विकास का कोई अंत नहीं है और व्यक्ति को मानवता के लिए अथक परिश्रम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक कार्यकर्ता को अपने काम से कभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, काम जारी रहना चाहिए, पर्यावरण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में लगातार काम करने का प्रयास करना चाहिए, इसका कोई अंत नहीं है।  विभिन्न क्षेत्रों में लगातार काम करना ही एकमात्र समाधान है। हमें इस दुनिया को एक सुंदर जगह बनाने का प्रयास करना चाहिए, जैसा कि भारत की प्रकृति है।

भागवत ने जोर देकर कहा कि सभी को समाज के कल्याण के लिए अथक प्रयास करना चाहिए और कहा कि जो लोग वास्तविक अर्थों में काम कर रहे हैं उन्हें मंच से बोलना चाहिए जबकि हमें बैठकर सुनना चाहिए।

भागवत ने यह भी कहा कि उन्हें देश की स्थिति की कभी चिंता नहीं रही। उन्होंने कहा, देश के भविष्य को लेकर कोई संदेह नहीं है।

 

अच्छी चीजें होनी चाहिए, क्योंकि सभी इसके लिए काम कर रहे हैं। हम भी प्रयास कर रहे हैं। भागवत ने कहा, पिछले 2,000 वर्षों में कई प्रयोग किए गए, लेकिन वे भारत के पारंपरिक जीवन शैली में निहित खुशी और शांति प्रदान करने में विफल रहे। कोरोना के बाद दुनिया को पता चला कि भारत के पास शांति और खुशी का रोडमैप है।

विपक्षी दल का यह कटाक्ष भागवत के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि आत्म-विकास के दौरान, एक व्यक्ति सुपरमैन, फिर देवता और भगवान बनना चाहता है और विश्वरूप की आकांक्षा रखता है, लेकिन कोई भी निश्चित नहीं है कि आगे क्या होगा।

कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने भागवत की टिप्पणी की एक क्लिप टैग की और कहा, मुझे यकीन है कि स्वयंभू गैर-जैविक पीएम को झारखंड से नागपुर द्वारा दागी गई इस नवीनतम अग्नि मिसाइल की खबर मिल गई है और इसका लक्ष्य लोक कल्याण मार्ग है। विपक्षी दलों से जुड़े कई लोगों ने भी सोशल मीडिया पर इसी तरह के कटाक्ष किए।

वैसे भी संघ प्रमुख का बयान कई मायनों में राजनीतिक तौर पर भी हमेशा से महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। वह पहले भी कई अवसरों पर मोदी सरकार को परोक्ष तौर पर सावधान कर चुके हैं।

दूसरी तरफ श्री मोदी के उस बयान के बाद कांग्रेस ने उन्हें निशाने पर ले रखा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह शायद किसी ईश्वरीय शक्ति से इस जगत में आये हैं।

 

इसके बाद ही राहुल गांधी ने उन्हें गैर जैविक प्रधानमंत्री कहना प्रारंभ कर दिया था। भाजपा के अंदर मची घमासान के बीच संघ प्रमुख का ऐसा बयान राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। लोग यह मान रहे हैं कि यह दरअसल नरेंद्र मोदी को निशाना मानकर दिया गया बयान है।

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