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आरक्षण के मुद्दे पर समूचे बांग्लादेश में भीषण झड़प

अब तक 39 लोगों के मरने की सूचना

राष्ट्रीय खबर

ढाकाः बांग्लादेश में संरक्षण विरोधी प्रदर्शन बढ़ गए हैं। सूचना के मुताबिक पूरे देश में इस संबंधित संघर्ष में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से कुछ की मौत गोली लगने से हुई, कुछ की मौत धारदार हथियार से हुई। अकेले राजधानी ढाका में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में अधिकतर छात्र हैं।

गुरुवार को 11वीं कक्षा के एक छात्र की भी मौत हो गई। सरकारी नौकरियों में आरक्षण ख़त्म करने की मांग का आंदोलन पूरे बांग्लादेश में फैल गया है। छात्रों की पुलिस और अवामी लीग नेताओं से झड़प हो रही है। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस पर फायरिंग के भी आरोप लगे हैं। झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गये। तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं।

बांग्लादेश हिंसा में घायलों की संख्या सौ से ज्यादा है। शेख हसीना की सरकार ने गुरुवार को कहा कि वे सैद्धांतिक रूप से प्रदर्शनकारियों से सहमत हैं। देश के कानून मंत्री अनीसुल हक भी उनसे चर्चा करना चाहते हैं। इस बीच गुरुवार को बांग्लादेश की अदालत में संरक्षण से जुड़ा मामला उठा।

सुनवाई की तारीख बांग्लादेश के चैंबर कोर्ट (बांग्लादेश के उच्च न्यायालय डिवीजन और सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय डिवीजन के बीच) द्वारा रविवार को निर्धारित की गई है। विरोध प्रदर्शन के बीच ढाका यूनिवर्सिटी को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। देश के कई शिक्षण संस्थानों को बंद करना पड़ा। यहां तक ​​कि यातायात भी बाधित हो गया। ढाका में गुरुवार दोपहर से मेट्रो सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।

अधिकारियों ने बताया कि यह फैसला जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अशांति का असर पूरे देश में इंटरनेट प्रणालियों पर भी पड़ा है। डाक, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक ने जानकारी दी है कि सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले कुछ लोगों की अफवाहों और गलत सूचनाओं को रोकने और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट पर तेजी लाई गई है। हालांकि, इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बंद नहीं की गई हैं। कुछ हिस्सों में यह धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।

बांग्लादेश में इस आंदोलन को लेकर राजनीतिक दबाव भी चल रहा है। विपक्षी नेतृत्व सरकार की नीतियों और पुलिस के व्यवहार के खिलाफ उतर आया है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ अवामी लीग ने आरोप लगाया कि बीएनपी-जमात छात्रों के आंदोलन को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रही है। तो ये आंदोलन सिर्फ छात्र आंदोलन के स्तर का नहीं है। सड़क परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल कादिर ने सत्तारूढ़ दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतरने और स्थिति से निपटने की सलाह दी।

ढाका और चटगांव सहित बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में संरक्षण विरोधी आंदोलनों और झड़पों में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। इनमें सबसे ज्यादा मौत की खबरें ढाका से आईं। पीड़ितों में सिर्फ छात्र ही नहीं बल्कि कारोबारी और पत्रकार भी शामिल हैं। अस्पतालों में मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है।

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