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अजीत डोभाल का कार्यकाल बढ़ाया गया

दिल्ली के गलियारे में जारी तमाम चर्चाओं का अंत

राष्ट्रीय खबर

नई दिल्ली: सरकार ने आज कहा कि अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पीके मिश्रा को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में 10 जून से फिर से नियुक्त किया गया है। नियुक्तियों की घोषणा करते हुए सरकार ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, समाप्त हो जाएंगे।

इसका मतलब है कि अधिकारी नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहने तक या अगले आदेश तक अपने पदों पर बने रहेंगे। बयानों में कहा गया है कि श्री डोभाल और श्री मिश्रा दोनों को उनके कार्यकाल के दौरान वरीयता तालिका में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 10 जून से दो साल के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में अमित खरे और तरुण कपूर की फिर से नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है।

उन्हें भारत सरकार के सचिव के पद और वेतनमान में नियुक्त किया जा रहा है। नियुक्तियाँ प्रधानमंत्री के इन अधिकारियों, विशेषकर श्री डोभाल और श्री मिश्रा पर विश्वास को दर्शाती हैं, जो कई वर्षों से अपने महत्वपूर्ण पदों पर हैं। पहले अजीत डोभाल और कैबिनेट सचिव राजीव गौवा के बदले कौन इस पद पर आयेंगे, इसे लेकर सरकारी कार्यालयों में चर्चा का बाजार गर्म था।

इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व निदेशक श्री डोभाल प्रधानमंत्री के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं और 2014 से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी, अशोक चक्र के बाद शांति काल में दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले पहले पुलिसकर्मी थे।

राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के प्रभारी व्यक्ति के रूप में, जिसमें सभी आतंकवाद-रोधी और खुफिया संगठन शामिल हैं, वे देश के सबसे शक्तिशाली अधिकारियों में से एक हैं। पीके मिश्रा ने 2019 में नृपेंद्र मिश्रा की जगह प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव का पद संभाला। 1972 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी, श्री मिश्रा इससे पहले प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने इंग्लैंड के ससेक्स विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र/विकास अध्ययन में पीएचडी की है।

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