आयकर की नोटिस पर सरकार की तरफ से जानकारी दी गयी
-
सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया
-
135 करोड़ आयकर विभाग पहले ही कुर्क
-
कांग्रेस ने भाजपा के आयकर पर सवाल उठाया
राष्ट्रीय खबर
नयी दिल्ली: आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्टी से 3,500 करोड़ रुपये की कथित बकाया कर वसूली मामले में सोमवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा कि वह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 24 जुलाई तक उसके (कांग्रेस) के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष कांग्रेस पार्टी की याचिका पर सुनवाई के दौरान आयकर विभाग का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ये आश्वासन दिया। उन्होंने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि आम चुनावों के मद्देनजर आयकर अधिकारी कांग्रेस पार्टी से दो वित्तीय वर्ष के 3,500 करोड़ रुपये की मांग के संबंध में 24 जुलाई तक उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
श्री मेहता ने पीठ के समक्ष कहा, चूंकि आम चुनाव होने वाले हैं, इसलिए विभाग वसूली कार्यवाही या कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा। शीर्ष अदालत ने इस मामले में श्री मेहता के ये बयान दर्ज करने के साथ ही अगली सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तारीख मुकर्रर कर दी। कांग्रेस का पक्ष वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने रखा।
उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता केवल एक राजनीतिक दल है, लाभ कमाने वाला कोई संगठन नहीं। श्री सिंघवी ने पीठ के समक्ष कहा कि आयकर के मामले में कांग्रेस पार्टी की 135 करोड़ रुपये की राशि आयकर विभाग पहले ही कुर्क कर चुका है। श्री मेहता ने हालांकि, करीब 3,500 करोड़ रुपये बकाया वसूली की मांग अदालत के समक्ष दोहराई। उन्होंने कहा कि इस मामले में शीर्ष अदालत के नोटिस का जवाब दाखिल की जाएगी।
पीठ के समक्ष बयान देते हुए श्री मेहता ने कहा कि आयकर अपीलों से उत्पन्न मुद्दों पर अभी फैसला सुनाया किया जाना बाकी है, लेकिन मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए आयकर विभाग मामले को तूल नहीं देना चाहता। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग आय कर वसूली मामले में कांग्रेस के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाएगी।
शीर्ष अदालत ने उनके इस बयान को रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ चार साल की अवधि का पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही शुरू करने को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिकाओं को 28 मार्च को खारिज कर दिया था। कांग्रेस ने अपनी याचिका में आय कर मूल्यांकन वर्ष 2014-15 से 2016-17 से संबंधित पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही शुरू करने को चुनौती दी है। इसके अलावा कांग्रेस ने यह दलील भी दी है कि जिस तरीके से कांग्रेस पर आयकर का बोझ लादा जा रहा है, उसी गणना से भारतीय जनता पार्टी की भी चार हजार करोड़ से अधिक की देनदारी बनती है।