राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः दुनिया लंबे संघर्ष में व्यावहारिक रूप से कोरोना महामारी को हराने में सफल रही है। लेकिन कोरोना टेस्ट को लेकर एक बड़े साइबर हमले की खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईसीएमआर से इस जानलेवा वायरस का टेस्ट कराने वालों में करीब 82 करोड़ भारतीयों के आईडी कार्ड ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं। आईसीएमआर द्वारा निजी जानकारी लीक होने की शिकायत पर सीबीआई तभी गौर करेगी जब वह लिखित में दी गई हो। एक्स हैंडल वाले एक व्यक्ति ने लीक की तस्वीर पोस्ट की। उन्होंने कहा कि 81.5 करोड़ भारतीय नागरिकों की निजी जानकारी डार्क वेब पर बेची जा रही है। इसमें आधार कार्ड और पासपोर्ट की जानकारी शामिल है।
कोविड टेस्ट रिपोर्ट से नाम, फोन नंबर, पता जैसी कई जानकारियां हटा दी गई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, पिछले फरवरी से आईसीएमआर पर कई बार साइबर हमले हो चुके हैं। खबर केंद्रीय एजेंसी के पास भी थी। आईसीएमआर सर्वर को हैक करने की कम से कम 6 हजार कोशिशें की जा चुकी हैं। जिसके खिलाफ कई कदम भी उठाए गए।
हालांकि, इस बार यह संख्या काफी बढ़ गई है, इसलिए साइबर विशेषज्ञ व्यावहारिक रूप से चिंतित हैं। वहीं आम लोगों की जानकारी लीक न हो इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रालय भी इस कार्यक्रम में आया है। क्या-क्या सावधानियां बरती जा सकती हैं, इस पर भी चर्चा चल रही है।
बता दें कि कोरोना महामारी के दौर में कोविन बड़े भरोसे का पोर्टल बन गया। केंद्र सरकार की इस वेबसाइट से कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन आसानी से किया जा सकेगा। टीकाकरण की तारीख और जगह घर बैठे बुक की जा सकेगी। लेकिन उस वेबसाइट से भी फर्जी सर्टिफिकेट फैलने के आरोप लगे थे! इस बार हमारी सार्वजनिक जानकारी को डार्क वेब पर बेचने का मामला सामने आया। हाल ही में खुद प्रधानमंत्री ने भी इस कोविन पोर्टल के लाभ के लिए अपने सरकार के प्रयासों की सराहना की थी। अब वहीं से यह सूचनाएं लीक हुई हैं, ऐसा माना जा रहा है।