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रांचीः एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने कहा है कि वह अपनी पार्टी एनसीपी के अकेले विधायक हैं। इसलिए उनका फैसला ही अंतिम है और उन पर दलबदल कानून लागू ही नहीं हो सकता है।
स्पीकर के न्यायाधिकरण में गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के झारखंड में एक मात्र विधायक कमलेश कुमार सिंह के विरुद्ध दल-बदल के मामले (10वीं अनुसूची) में सुनवाई हुई। इस दौरान शिकायतकर्ता एनसीपी (शरद) गुट के विधायक जीतेंद्र अवहद की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार हैं।
पिछले दिनों पार्टी के भीतर एक धड़े ने अपने आप को अलग कर लिया। इसके बाद पार्टी की नेता सुप्रिया सुले ने विधायक कमलेश सिंह को कई बार पत्र लिखा, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। यह पार्टी के संविधान के विरुद्ध है। इसलिए इनके विरुद्ध दल-बदल के तहत कार्रवाई के लिए शिकायत की गई है।
इसके जवाब में विधायक कमलेश सिंह के वकील ने कहा कि उनके प्रभारी प्रफुल्ल पटेल हैं। वे उन्हें ही जानते हैं। सुप्रिया सुले को नहीं जानते। कमलेश सिंह के वकील ने यह भी कहा कि अगर पत्र का जवाब उन्होंने नहीं दिया, तो इसका मतलब यह नहीं कि यह पार्टी विरोधी काम हो गया। इस मामले में प्रफुल्ल पटेल को उन्हें पत्र लिखना चाहिए था।
वे 25 साल से एनसीपी में हैं। जब वे विधायक नहीं रहे, तब भी एनसीपी में ही रहे। वैसे भी अगर मैं एक मात्र विधायक हूं, तो मैं अकेले ही शत-प्रतिशत हूं। ऐसे में मुझ पर दल-बदल लागू नहीं होता है। वैसे इस बयान से साफ हो गया है कि कमलेश सिंह ने अब शरद पवार से दूरी बनाते हुए एकनाथ शिंदे गुट के प्रफुल्ल पटेल के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की है।
ऐसे में अगर महाराष्ट्र के मुद्दे पर चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट में कोई नया फैसला आता है, तो कमलेश सिंह पर भी स्वाभाविक तौर पर इसका असर पड़ेगा लेकिन उसके बाद भी वह बतौर विधायक अपने पद पर कायम रह सकेंगे क्योंकि वह इस पार्टी के एकमात्र विधायक हैं। वैसे कमलेश सिंह के इंकार के बाद भी सोशल मीडिया पर तस्वीर मौजूद है, जिसमें सुप्रिया सूले को वह गुलदस्ता भेंट कर रहे हैं।