-
पुलिस से चार हजार से अधिक हथियार लूटे गये
-
रिहा हुए स्वयंसेवकों को एनआईए ने गिरफ्तार किया
-
म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था पर रोक
-
आज से शुरू होगी इंटरनेट सर्विस, 5 महीने से लगा था बैन
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी: मणिपुर सरकार ने शुक्रवार रात हथियार लूटने वाले लोगों को 15 दिनों के भीतर हथियार जमा करने की चेतावनी दी, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के कार्यालय से एक विज्ञप्ति जारी की गई है।
जिसमें कहा गया है कि राज्य भर में किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा रखे गए सभी अवैध हथियारों को तुरंत या शुक्रवार से 15 दिनों की अवधि के भीतर जमा कर दिए जाने चाहिए। राज्य सरकार इन 15 दिनों के भीतर ऐसे अवैध हथियार जमा कराने वाले व्यक्तियों के मामले में भी विचार करने को तैयार है।
इन अवैध हथियारों का इस्तेमाल करके उपद्रवियों/समूहों द्वारा जबरन वसूली, धमकी और अपहरण की खबरें सामने आई हैं। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, 3 मई को भड़के जातीय दंगों के दौरान भीड़, हमलावरों और उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशनों व पुलिस चौकियों से 4,000 से अधिक विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक हथियार और लाखों विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद लूट लिए थे।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य में तीन मई से भड़की जातीय हिंसा के मद्देनजर निलंबित मोबाइल इंटरनेट सेवाएं शनिवार यानी आज से बहाल की जाएंगी। सीएम बीरेन मुक्त आवाजाही व्यवस्था को रद्द करने की भी अपील की है। इसके तहत तहत भारत-म्यांमार सीमा के पास दोनों ओर रह रहे लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक भीतर जाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की जरूरत है।उन्होंने बताया कि रणनीतिक उपायों में से एक के रूप में, म्यांमार के साथ मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) जो दोनों तरफ के लोगों को दूसरे देश के अंदर 16 किमी तक यात्रा करने की अनुमति देती है, फिलहाल निलंबित है। केंद्र से राज्य में समझौते को स्थायी रूप से बंद करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में लगभग 60 किलोमीटर की दूरी के लिए भारत-म्यांमार क्षेत्रों के साथ सीमा बाड़ लगाने को मंजूरी दे दी गई थी और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंप दिया गया था।
हालांकि, मणिपुर के इंफाल पश्चिम में 22 सितंबर को उस समय ताजा झड़पें हुईं जब रिहा किए गए पांच ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों में से एक को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने फिर से गिरफ्तार कर लिया।
रिहा किए गए चार लोगों को जमानत मिलने के बाद परिवार को सौंप दिया गया, जबकि प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्व कैडर मोइरांगथेम आनंद को 10 साल पुराने एक अन्य मामले में फिर से गिरफ्तार किया गया है।
अदालत का आदेश मिलने के बाद गिरफ्तार किए गए पांच ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों के परिवार बड़ी संख्या में लोगों के साथ शाम करीब साढ़े चार बजे से इंफाल पुलिस थाने के सामने उनकी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं। जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, पुलिस ने मॉक बम के कुछ राउंड फायर करके उन्हें खदेड़ दिया।
हालांकि, कुछ समय बाद, लोग बाबूपारा में आईएसटी एमआर के पूर्वी हिस्से में फिर से कम संख्या में इकट्ठा हुए। मोइरांगथेम आनंद की पत्नी अनु इंफाल पुलिस स्टेशन में जमा भीड़ में शामिल थीं, जब उन्हें एनआईए द्वारा फिर से गिरफ्तार किए जाने की सूचना दी गई, तो वह फूट-फूटकर रोने लगीं।