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मारी गयी महिला का चेहरा भी विकृत कर दिया गया
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महिलाओं ने कथित तौर पर एलपीजी ट्रकों को जलाया
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आईटीएलएफ ने हिंसा और नुकसान की कड़ी निंदा की
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी :मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के सावोम्बुंग इलाके में शनिवार रात एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद उसका चेहरा क्षत-विक्षत हो गया था। अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि करीब 50 वर्षीय महिला को उसके घर में कुछ हथियारबंद लोगों ने चेहरे पर गोली मार दी।
मणिपुर में हिंसा जारी है और इंटरनेट पर प्रतिबंध अगले पांच दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है।उन्होंने बताया कि हथियारबंद हमलावरों भागने से पहले महिला का चेहरा विकृत कर दिया। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और मणिपुर पुलिस के जवान आसपास के इलाके के कुछ घरों में तलाशी और छापेमारी कर रहे हैं।
अधिकारियों ने कहा कि वारदात स्थल के आसपास रहने वाले लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि महिला को कुछ मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं। वह मारिंग नगा समुदाय से संबंध रखती थी। राज्य में 20 जुलाई तक इंटरनेट बैन रहेगा। राज्य में 20 जुलाई तक इंटरनेट बैन रहेगा।अधिकारियों ने कहा कि वारदात स्थल के आसपास रहने वाले लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि महिला को कुछ मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं। वह मारिंग नगा समुदाय से संबंध रखती थी।
हिंसा प्रभावित मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में तीन खाली ट्रकों में आग लगा दी गई। पुलिस ने बताया कि यह घटना सेकमाई पुलिस थानाक्षेत्र के अवांग सेकमाई में हुई। पुलिस ने बताया कि रसोई गैस सिलेंडर परिवहन करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रक खुले मैदान में खड़े थे, जहां उनमें आग लगा दी गई।
पुलिस ने कहा कि घटना के पीछे जो लोग हैं उनकी अभी पहचान नहीं की जा सकी है और यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि ट्रकों में आग क्यों लगाई गई।मणिपुर राज्य में चल रही अशांति के बीच, महिलाओं ने इंफाल पश्चिम के सेकमई गांव में एक कुकी-जो आदिवासी के स्वामित्व वाले एलपीजी सिलेंडरों को ले जाने वाले तीन ट्रकों को कथित तौर पर जला दिया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के अनुसार, सेकमई में आईओसी के गैस संयंत्र में तीन मई से फंसे ट्रकों को मिसाओ गैस एजेंसी के मालिक से पुलिस की मंजूरी मिलने के बाद कांगपोकपी जिले में ले जाया जा रहा है। अंदरूनी सूत्रों द्वारा सूचना दिए जाने के बाद महिला प्रदर्शनकारियों ने मार्ग को अवरुद्ध कर दिया और दोपहर 12 बजे के आसपास ट्रकों में आग लगा दी। इस बीच, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) जान-माल की उपेक्षा की कड़ी निंदा करता है।