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भूमि विवाद के कारण भागलपुर जिले बढ़ रही है अपराधिक घटनाएं

  • राकेश हत्याकांड में पुलिस को मिले कहीं अहम सबूत

  • सामाजिक कार्यकर्ता बना कारोबारी ही हत्यारोपी निकला

  • सफेदपोशों की पहचान की मुहिम चलायी थी पुलिस ने

दीपक नौरंगी

भागलपुर : भागलपुर जिले में जमीन के अवैध कारोबार को लेकर अपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी को भागलपुर की और अपना ध्यान देना होगा भागलपुर के भू माफिया अपराधियों से मिलकर जमीन के अवैध कारोबार में लगे हुए हैं

इसकी जांच उच्च स्तरीय तरीके से प्रशासनिक अधिकारियों को करानी चाहिए डीजीपी साहब को बिहार में भागलपुर जिले एनएच 80 पर कौन लोग जमीन खरीद रहे हैं उसकी जांच कराकर सभी लोगों की एक लिस्ट तैयार करनी चाहिए जमीन लेने वाले यह कौन लोग हैं और इसमें कितने अपराधिक चरित्र के लोग भी शामिल हैं और कितनी जमीन को लेकर कब तक कितनी हत्याएं हुई है

इसका एक आंकड़ा हर थाने स्तर से तैयार रहना चाहिए कि इस जमीन को लेकर यहां विवाद हुआ जिसके कारण यहां एक हत्या पहले हो चुकी है जमीन के अवैध कारोबार में मिलने वाले मोटी रकम को देखते हुए कई सफेदपोश इसमें संलिप्त पाए जा रहे हैं। हबीबपुर थाना क्षेत्र में प्लाटिंग का काम करने वाले राकेश सिंह की हत्या मामले में पहले प्राथमिकी अभियुक्त खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले कुणाल सिंह का नाम सामने आया है।

जो बातें सामने आई है उससे यह पता चल रहा है कि राकेश, कुणाल, दीपेश और गौतम कृष्णा यह सभी मिलकर जमीन के कारोबार में लगे हुए थे। राकेश के एक रिश्तेदार की जमीन तीन लाख में खरीदने के बाद कुणाल और गौतम कृष्णा ने मिलकर शहर के ही एक बड़े पैसे वालों के हाथ दो करोड़ में बेच दी। राकेश को जब इस बात का पता चला तो वह कुणाल से मिला और आपत्ति जताई साथ में यह भी कहा कि जब इतनी महंगी जमीन बेची गई है तो उसमें उसका भी हिस्सा होना चाहिए। उसी बात को लेकर उन लोगों के बीच विवाद शुरू हुआ और आखिरकार राकेश की हत्या करा दी गई।

राकेश सिंह की हत्या में शहर के शूटरों को पैसे देकर बुलाने की बात सामने आ रही है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है और इस मामले में गौतम कृष्णा को हिरासत में भी ले लिया गया है। कुणाल और दीपेश की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है और इस बात की सूचना है कि पुलिस ने शूटरों को भी पहचान लिया है और उन तक पहुंचने के लिए भी छापेमारी की जा रही है।

भागलपुर में कई थाना क्षेत्रों में जमीन का अवैध कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है और कई बार तो यह भी सामने आया है कि इस अवैध कारोबार में ब्लॉक स्तर के कुछ प्रशासनिक और थाना स्तर के कुछ पुलिस पदाधिकारी भी संलिप्त होते हैं। राकेश सिंह हत्याकांड में जिस कुणाल सिंह का नाम सामने आया है वह लंबे समय से जमीन के कारोबार से जुड़ा हुआ है।

खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बता शहर में कई जगहों पर उसके पोस्टर और बैनर देखे गए थे। वह राजनीति में भी कदम रखने की कोशिश में लगा हुआ था। इस बात की आशंका भी जताई जा रही थी कि वह अपने प्रभाव और पैसे के बल पर मामले को दबाने और खुद को बचाने की कोशिश कर सकता है लेकिन पुलिस के पास उसके खिलाफ इतने पुख्ता सबूत मिले हैं जिससे यह लग रहा है कि उसका बचना इस मामले में मुश्किल होगा। पुलिस प्लाटिंग करने वाले राकेश हत्याकांड में किस हद तक कार्यवाही करेगी और कौन लोग उनकी गिरफ्त में होंगे यह बहुत जल्दी पता चल जाएगा।

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