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पूर्व डीजीपी केएस द्विवेदी अवर सेवा आयोग के अध्यक्ष

  • दामाद राजीव मिश्र बने हैं पटना के एसएसपी

  • तबादले और पोस्टिंग के पीछे कुछ और खेल

  • सुशासन सरकार के फैसलों की आलोचना जारी

दीपक नौरंगी

पटना: बिहार में इन दिनों बड़े पैमाने पर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का तबादला हुआ है कहीं ना कहीं इन तबादले को लेकर भी राज्य सरकार इतनी सुर्खियों में नहीं हुई जितनी की एक दामाद और एक ससुर को लेकर हो रही है।

कई महीनों पहले से चर्चा हो रही थी कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात आईपीएस राजीव मिश्रा को वापस बुलाया जा रहा है, उनको ही पटना का नया सीनियर एसपी बनाया जाएगा।

तीन से चार महीने से यह चर्चा बनी हुई थी क्योंकि दिसंबर महीने में ही पटना सीनियर एसपी मनजीत सिंह ढिल्लों साहब का प्रमोशन डीआईजी में हो गया था। पटना एसएसपी का डीआईजी में प्रमोशन होने के बाद भी राज्य सरकार ने मानव जीत सिंह ढिल्लों को पटना का एसएसपी बनाए रखा।

पटना में वर्तमान एसएसपी राजीव मिश्रा है जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से सीबीआई से लौटे हैं और उनको ही पटना का सीनियर एसपी बनाए जाने की चर्चा तीन महीने पहले से चल रही थी। राजीव मिश्रा के ससुर के एस द्विवेदी बिहार के डीजीपी रह चुके हैं। इस बात की चर्चा होने लगी थी कि श्री द्विवेदी को भी नीतीश कुमार अपने पास रखेंगे।

यह चर्चा भी सच साबित हुई। के एस दिवेदी को ही बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर दिया गया कई महीनों से हो रही चर्चा दामाद पटना के एसएसपी बनाए गए और ससुर को फिर एक महत्वपूर्ण पद राज्य सरकार की विशेष कृपा पर मिल गया

क्या यह बिहार में नीतीश कुमार के सुशासन में तबादले और पोस्टिंग में जो हो रहा है जो सवाल उठ रहे हैं क्योंकि पोस्टिंग से कई महीने पहले हुई चर्चा जो अब सच साबित हुई आखिर यह सवाल तो उठेगा ही यह नीतीश कुमार के सुशासन में ससुर और दामाद पर इतनी मेहरबानी क्यों?

इनसे ज्यादा ईमानदार कोई दूसरा सरकार को मिला ही नहीं

पूर्व डीजीपी कृष्ण स्वरूप द्विवेदी इतने भाग्यशाली आईपीएस अधिकारी है कि जब भागलपुर में एसपी हुआ करते थे उनके कार्यकाल में संप्रदायिक माहौल बिगड़ा था। उस मामले में न्यायालय ने इनको निर्दोष मान लिया।

बिहार में सुशासन की सरकार को इनसे ज्यादा इमानदार दूसरा पदाधिकारी नहीं मिला इसी कारण बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर दिया गया।

बिहार 17 सालों के सुशासन में नीतीश कुमार के तबादले पोस्टिंग पर इतने सवाल नहीं उठे जितने सवाल हाल के दिनों में अधिकारियों की बदली पोस्टिंग को लेकर उठ रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मामले में गंभीरता पूर्वक उन्हें विचार करना चाहिए या कि जिन जिन पदाधिकारियों की पोस्टिंग कराई जा रही है क्या परदे के पीछे कोई बड़ा खेला तो नहीं है? क्योंकि जिनकी पोस्टिंग की चर्चा तीन महीने पहले से हो रही हो उक्त पदाधिकारी को उक्त स्थान पर पोस्टिंग कर देने के बाद सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है।

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