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पुलिस की पूछताछ जारी और घटना सामने आने वाला है
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मंदिर में वर्ष 2019 में हुई थी यह आपराधिक घटना
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महिला को शराब पिलाने के बाद गला काटा गया था
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी: असम में कामाख्या मंदिर में एक महिलाओं की बलि का मामला आज के इस आधुनिक दौर पर एक बदनुमा दाग की तरह नजर आता है। कामाख्या मंदिर में जून 2019 को हुई मानव बलि की घटना में शामिल होने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आज कहा कि सभी घटनाओं पर नजर रखते हुए संदेह हो सकता है कि इस तरह की कोई अन्य घटना सामने आने वाली है। इसी वजह से पुलिस ने 5 आरोपियों से पूछताछ जारी रखी है. यह घटना 19 जून, 2019 को अंबुबासी मेले के दौरान कामाख्या के जय दुर्गा मंदिर में हुई थी। गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंत बोरा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मानव बलि की घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
श्री बोरा ने कहा कि 19 जून को जय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी से एक अज्ञात महिला की सिर कटी लाश मिली थी। इस संबंध में जालुकबाड़ी थाने में स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू की गई थी।
28 जुलाई, 2019 को पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपाड़ा के रहने वाली पीड़िता का बेटा सुरेश शॉ जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन पहुंचा, जब उसे महिला के बिना सिर के शव की बरामदगी की खबर मिली और कपड़ों और अन्य चीजों के आधार पर उसने शव की पहचान अपनी मां शांति शॉ (64) के रूप में की।
गुवाहाटी पुलिस आयुक्त ने कहा कि सुरेश के मुताबिक उनकी मां जुलाई, 2019 में अंबुबासी मेले के मौके पर कामाख्या आई थीं और तब से लापता हैं। श्री बोरा ने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए पुलिस की एक विशेष टीम का गठन किया गया था। पूर्व में एकत्र किए गए तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण करने पर विशेष पुलिस दल पश्चिम बंगाल के कूचबिहार गया और इस वर्ष 18 मार्च को कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।
तलाशी अभियान चलाने के बाद बर्मन के घर से पीड़िता का हैंडसेट और अन्य सामान जैसे कपड़े और आईडी प्रूफ बरामद किए गए। कैलाश बर्मन के मुताबिक माता प्रसाद पांडेय नामक बाबा पिछले आठ सालों से नियमित रूप से जून-जुलाई के दौरान उनके गांव आता था। वर्ष 2019 में बाबा पीड़िता के उन सामानों को यह कहकर छोड़ दिया कि बैग में उसका सामान है, जिसे वह बाद में ले जाएगा।
गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंत बोरा ने कहा कि मध्य प्रदेश के जबलपुर के माता प्रसाद पांडेय (50 वर्ष) को इस साल 25 मार्च को गिरफ्तार किया गया। आगे की पूछताछ में यह पता चला कि 2019 की 18 और 19 जून की दरमियानी रात को भूतनाथ में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 12 लोगों ने भाग लिया था, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी।
पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई। इसके बाद उन्होंने कामाख्या के श्मशान घाट का दौरा किया और वहां दूसरी पूजा की। पुरुषों का समूह तब कामाख्या में जय दुर्गा मंदिर गया और मानव बलि के नाम पर पीड़िता का सिर काट दिया।
जघन्य अपराध को अंजाम देने के बाद उन्होंने पीड़िता का सिर एक बैग में रखा और उसे ब्रह्मपुत्र नदी में बहा दिया और चले गए। वहीं, माता प्रसाद पांडेय के बयान के आधार पर सुरेश पासवान (56), कानू आचार्जी (62) और भैयाराम मौर्या (60) को भूतनाथ इलाके से और प्रदीप पाठक (52) को उत्तर प्रदेश के मथुरा से गिरफ्तार किया गया।कामाख्या मंदिर भारत के सबसे सम्मानित मंदिरों में से एक है, और अंबुबाची उत्सव हर साल हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।