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पहाड़ पर पर्यटक खुश नीचे लोगों की जिंदगी खतरे में

दार्जिलिंग में बर्फवारी और नीचे जमीन निगल रही गंगा

  • पहाड़ की बर्फवारी अब अंतिम चरण में

  • नीचे तेजी से गंगा का कटाव बढ़ रहा है

  • जलमार्ग की जेटी के भी डूब जाने का खतरा

राष्ट्रीय खबर

शिलिगुड़ीः पहाड़ पर घूमने गये पर्यटक प्रसन्न हैं। दरअसल अचानक मौसम के बदल जाने से वहां बारिश के साथ साथ कई इलाकों में बर्फवारी फिर से होने लगी है। खास तौर पर दार्जिलिंग में तेज ठंड है। अनेक पहाड़ प्रेमी पास की बर्फवारी का मजा लेने के लिए दार्जिलिंग पहुंचे।

कल मौसम विभाग ने कहा, पहाड़ों में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। यह बारिश बुधवार तक जारी रहेगी। दार्जिलिंग, कलिम्पोंग सहित उत्तरी जिलों में पिछले दो दिनों से बारिश होने की खबर है। इसलिए दार्जिलिंग में सर्दी के मौसम की विदाई पर सफेद बर्फ देखने को मिली। दार्जिलिंग जिले और पश्चिम बंगाल की सबसे ऊंची चोटी संदकफू में घर, सड़कें और सब कुछ बर्फ से ढका हुआ है। यह देखकर देश विदेश के पर्यटन आनंदित हैं।

दूसरी तरफ हुगली के बालागढ़ में अब गंगा कटाव का खतरा मंडरा रहा है। उस प्रखंड के गुप्तीपारा में गंगा किनारे का इलाका नदी कटाव से डूब रहा है। यह तोड़-फोड़ शुक्रवार से शुरू हुई थी। हुगली प्रशासन ने स्थिति का जायजा लेने के बाद कटाव रोकने का आश्वासन दिया है।

स्थानीय लोगों का मानना है कि गंगा के आर पार जाने के लिए जिस जेटी का इस्तेमाल होता है, वह भी कभी भी गंगा में समा सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक गुप्तीपारा-1 पंचायत के नदी किनारे के इलाके के निवासी कटाव के रातजगा कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार, सूर्य मंदिर से चारकृष्णबाती ग्राम पंचायत के बेनालीचर तक लगभग डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में गंगा का कटाव हो गया है।

उस पंचायत के उप प्रधान बिस्वजीत नाग ने कहा कि 12,000 बालू की बोरियां स्थानीय फेरी घाट के पास रखी गई थीं, जो गंगा में डूब गईं। उनके शब्दों में, यह क्षरण आपात स्थिति में शुरू हुआ है। तीन ईंट खदानों की 25 से 30 बीघा जमीन पहले ही डूब चुकी है। अब घाट से थोड़ी दूर पर जेटी है।

मिट्टी का यह कटाव इतना तेज है कि यह इस जेटी से दस मीटर की दूरी तक आ पहुंचा है। अगर जेटी धंसी तो गंगा के आर पार जाना भी बंद हो जाएगा। हुगली के जिलाधिकारी पी दीपप्रिया ने कटाव की स्थिति के बारे में कहा, “उस क्षेत्र में भूस्खलन हुआ है। आसपास के लोगों को दूर जाने के लिए माइक किया जाता है। मामले की जांच सिंचाई विभाग द्वारा की जा रही है।” जिला प्रशासन सूत्रों के अनुसार मुर्शिदाबाद के मालदह में कटाव रोकने के लिए बड़ा प्रोजेक्ट लिया जा रहा है। उस प्रोजेक्ट में बालागढ़ को भी जोड़ा जा रहा है।

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