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स्टालिन ने इसे भाजपा नेताओँ की साजिश बताया

  • भाजपा के 13 नेताओं ने पार्टी छोड़ी

  • फर्जी वीडियो के मामले में सुराग मिले

  • एक और फर्जी वीडियो की पहचान हो गयी

राष्ट्रीय खबर

चेन्नईः तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि राज्य में बिहारी मजदूरों के साथ मार-पीट की फर्जी सूचनाएं फैलाने में उत्तर बिहार के भाजपा नेताओं का हाथ है। वे आगामी लोकसभा चुनाव में अपना वोटबैंक सुरक्षित करने के लिए ऐसा गंदा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इन सारे मामलो में शामिल लोगों की पहचान कर ली है।

उन तमाम लोगों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई होगी। श्री स्टालिन ने बताया कि उन्होंने राज्य के पुलिस अधिकारियों और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की। साथ ही बिहार सरकार के अधिकारी भी यहां आकर बिहारी प्रवासियों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह संतुष्ट हुए।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आरोप लगाया है कि उत्तर भारतीय भाजपा नेता राज्य में बिहार के प्रवासी मजदूरों के साथ मारपीट के फर्जी वीडियो फैला रहे हैं। स्टालिन ने दावा किया कि उनकी सरकार के खिलाफ राजनैतिक साजिश रची गई। स्टालिन ने कहा कि उनका राज्य पूरे देश के लोगों का घर है क्योंकि तमिल लोग भाईचारा पसंद करते हैं।

उत्तर भारत के लोग यह बात अच्छी तरह जानते हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग फर्जी वीडियो बनाकर झूठी खबरें फैला रहे हैं। उत्तर भारत के भाजपा नेता गलत इरादे से ऐसा कर रहे हैं। अगर आप नोटिस करेंगे तो आप समझ सकते हैं कि यह मेरे उस बयान के बाद किया गया, जिसमें मैंने भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त गठबंधन की बात की थी।

स्टालिन ने बताया कि उन्होंने राज्य के पुलिस अधिकारियों और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की। साथ ही बिहार सरकार के अधिकारी भी यहां आकर बिहारी प्रवासियों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह संतुष्ट हुए। स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु में ऐसी कोई घटना नहीं हुई। डीजीपी भी इस पर स्थिति साफ कर चुके हैं।

मंगलवार को मुख्यमंत्री स्टालिन ने उन इलाकों का दौरा किया, जहां प्रवासी बड़ी संख्या में रहते हैं। बता दें कि तमिलनाडु में उत्तर भारतीय राज्यों के प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में काम करते हैं। प्रवासी कामगार राज्य के टेक्सटाइल और निर्माण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कार्यरत हैं।

बीते दिनों कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें दावा किया गया कि बिहार के कामगारों को पीटा गया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा हुआ। सरकार ने मामले की जांच की तो यह मामला झूठा निकला। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने इस मामले में कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिनमें भाजपा नेता, पत्रकार और तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष का नाम भी शामिल है।

इस बीच प्रदेश भाजपा के 13 पदाधिकारियों ने पार्टी से त्यागपत्र देकर एआईएडीएमके में शामिल होने का एलान किया है। इससे यह भी साफ हो गया है कि अब वहां भाजपा और एआईएडीएमके के बीच कोई रिश्ता नहीं रह जाएगा।

तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के तेरह सदस्यों ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि राज्य में भाजपा नेतृत्व पर अपने ही कार्यकर्ताओं के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। पिछले हफ्ते, निर्मल कुमार और राज्य पार्टी सचिव दिलीप कन्नन सहित पांच भाजपा नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था और अन्नाद्रमुक में शामिल हो गए थे।

एआईएडीएमके राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ गठबंधन में है। बुधवार को इस्तीफा देने वालों में पार्टी की चेन्नई पश्चिम इकाई के आईटी विंग के प्रमुख ओरथी अनबरासु थे। उन्होंने अपने इस्तीफे की व्याख्या करते हुए एक बयान में कहा कि वह लंबे समय से भाजपा में हैं और पार्टी में साजिशों का शिकार नहीं होना चाहते हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के। अन्नामलाई ने एआईएडीएमके पर नेताओं की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि यह इस बात का सबूत है कि भाजपा तमिलनाडु में पहुंच चुकी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि किसी भी महत्वपूर्ण नेता ने पार्टी नहीं छोड़ी है – केवल दूसरी और तीसरी पंक्ति के नेता। उन्होंने कहा, ‘कुछ बड़े नेताओं के भाजपा छोड़ने और तीन महीने बाद बड़े नेताओं के पार्टी में आने की संभावना है। दूसरी तरफ एआईएडीएमके ने भाजपा में सेंधमारी के आरोपों से इनकार किया है।

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