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समुद्री खीरा के प्राकृतिक गुणों की नकल कर छोटा रोबोट बनाया

  • गैलियम धातु से तैयार हुआ है यह रोबोट

  • चुंबकीय गुण के कारण आगे चल सकता है

  • अवरोधक के पास अपना आकार बदलता है

बीजिंगः चीन के वैज्ञानिकों ने साफ्ट रोबोट बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस बार ऐसा रोबोट तैयार किया गया है जो जरूरत के मुताबिक खुद को ठोस या तरल बना सकता है। इस गुण की वजह से वह अपना आकार भी बदल सकता है। इसका अजीब तरीके से परीक्षण भी किया गया है।

एक जेल जैसे दरवाजे के सामने खड़ा यह रोबोट खुद को तरल पदार्थ में बदलते हुए इन सींखचों के पार जाने में सफल रहा। दूसरे परीक्षण में जब उसके आकार से कम आकार के अवरोध पैदा किये गये तो उसने अपनी लंबाई कम कर चौड़ाई बढ़ा ली और फिर से आगे निकल गया।

समझा जाता है कि इस रोबोटिक तकनीक से पूरी रोबोटिक्स की दुनिया में नई क्रांति आ जाएगी। इस बारे में प्रसिद्ध वैज्ञानिक पत्रिका जर्नल मैटर में एक शोध प्रबंध प्रकाशित हुआ है। इस लेख में रोबोट के गुणों के बारे में पहली बार जानकारी दी गयी है।

बताया गया है कि यह अपना आकार इसलिए बदल सकता है क्योंकि यह बिजली का सुचालक होने के साथ साथ चुंबकीय गुणों से लैश है। इसी वजह से वह जब आवश्यकता होती है खुद को तरल रोबोट में तब्दील कर लेता है। इसी अवस्था बदलने की वजह से वह अपना आकार भी जब जैसा चाहे बदल सकता है।

इसकी स्थिति काफी हद तक उन समुद्री खीरों की तरह है जो इन दोनों अवस्थाओं को हासिल करने का प्राकृतिक गुण रखते हैं। शोध दल ने इसकी अंतिम परीक्षा में उसके सामने विभिन्न किस्म के अवरोधक रखे थे। यह अपने आकार बदलने के गुण की वजह से इन अवरोधकों से आगे निकलने में कामयाब रहा।

इसे महत्वपूर्ण उपलब्ध इसलिए माना जा रहा है क्योंकि आम तौर पर सामान्य रोबोट लचीले नहीं  होते हैं। इसलिए वे आकार नहीं बदल सकते। दूसरी तरफ जो साफ्ट रोबोट बनाये गये हैं, वे काफी लचीला होने की वजह से ही कमजोर होते हैं। यह नया रोबोट उन दोनों किस्म की परेशानियों से मुक्त है।

चीन के यूनिवर्सिटी ऑफ हॉंगकॉंग के इंजीनियर चेंगफेंग पान ने इस शोध का नेतृत्व किया था। उनका कहना है कि इस श्रेणी के रोबोट तैयार होने पर उनका और भी बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। इस शोध दल ने चुंबकीय कणों को गैलियम नामक धातु के साथ मिलाकर इसे तैयार किया है। गैलियम का गलन तापमान मात्र 29.8 डिग्री होता है।

इसलिए जो पदार्थ बना और जिससे यह रोबोट तैयार हुआ, वह इन गुणों से सुसज्जित है। इस खास रोबोट में जो चुंबकीय कण जोड़े गये हैं, उनके बारे में कारनेगी मेलोन विश्वविद्यालय के मैकानिकल इंजीनियर कारमेल मजीदी ने बताया कि यह अपने चुंबकीय क्षेत्र को बदल सकता है। इसी वजह से वह आकार बदल लेता है।

इसके अलावा चुंबकीय कणों की वजह से ही यह रोबोट एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकता है। यानी रोबोट की गति  इसी चुंबकीय गुण की वजह से मिलती है। किसी दूसरे चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव से भी वह खुद को आगे बढ़ा लेता है। ताप सुचालक होने की वजह से ही वह ठोस से तरल और फिर तरल से ठोस बन सकता है।

परीक्षण में यह रोबोट छलांग लगाने से लेकर दीवार चढ़ने तक के परीक्षण में कामयाब हुआ। एक खास अवरोध को पार करने के लिए इस रोबोट ने खुद को दो हिस्सों में बांट लिया और अवरोधक पार कर जाने के बाद वह फिर से एक हो गया। इस वजह से वैज्ञानिकों ने यह नतीजा निकाला है कि इसके बहुआयामी प्रयोग किये जा सकते हैं।

शोध दल के नेता पान ने कहा कि इस उपलब्धि का चिकित्सा और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बेहतर इस्तेमाल के तरीकों को विकसित किया जा रहा है। इसके लिए शोध दल ने एक मॉडल मरीज के पेट से एक बाहरी वस्तु को निकालने का प्रयोग किया। इसके साथ ही उसे खास स्थान तक दवा पहुंचाने का निर्देश भी दिया गया था।

इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक सर्किटों में क्षतिग्रस्त इलाकों तक पहुंचकर वह उनकी मरम्मत करने में सफल रहा। इसकी यह भी विशेषता यह भी है कि यह अत्यंत संकरे से इलाके  में खुद को काफी लंबा बनाकर टेढ़े मेढ़े रास्ते से भी आगे बढ़ जाता है।

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