अजब गजबइथोपियागुड न्यूज

लोगों के आने तक घायल लड़की को पहरा दे रही थी तीन शेरनी

इथोपिया के सुदूर इलाके के जंगल में अपहरण के बाद घायल पड़ी थी लड़की

  • स्कूल से लौटते वक्त हुआ था अपहरण

  • अत्यधिक अत्याचार से घायल थी बच्ची

  • पुलिस के आने पर शेरनियों ने मैदान छोड़ा

अदीस अबाबाः एक घायल लड़की को तीन शेरनियों ने मिलकर लगातार पहरा दिया। जब उसकी तलाश मे पुलिस पहुंची तो तीनों ने उसे छोड़ दिया और जंगल में चली गयी। दरअसल बारह साल की इस बच्ची का अपहऱण स्कूल से लौटने के क्रम में किया गया था। इथोपिया के इस इलाके में हथियारबंद अपराधियों ने अपहरण और फिरौती का बहुत बड़ा कारोबार खड़ा कर रखा है।

जहां यह घटना घटी थी वह राजधानी से करीब 560 मील की दूरी पर है। चार अपराधियों ने बिता गेनेट नामक गांव की बच्ची का हथियार के बल पर अपहरण कर लिया था। उसके घरवालों ने फिरौती की रकम मांगी गयी थी। इस दौरान लड़की के साथ काफी अत्याचार भी किया गया था, जिस कारण वह बुरी तरह घायल भी हो गयी थी।

फिरौती की रकम चुकाने के लिए लड़की के परिवार वालों को एक सप्ताह का समय दिया गया था। इस बीच पुलिस को इन अपराधियों के ठिकाने की भनक मिल गयी। पुलिस की घेराबंदी होते देख अपराधी उस घायल बच्ची को अपने साथ लेकर भाग निकले थे। भागते वक्त जंगल में अचानक इस गिरोह का सामना शेरों के एक झूंड से हो गया था।

शेरों को सामने देख अपराध वहीं पर घायल लड़की को छोड़कर भाग गये थे। उनका पीछा करती पुलिस जब वहां पहुंची तो पुलिस दल ने भी देखा कि घायल बच्ची के करीब तीन शेरनी चुपचाप बैठी हुई है। इन तीनों ने घायल बच्ची को स्पर्श तक नहीं किया था।

पुलिस के वहां पहुंचने के बाद तीनों उस बच्ची को छोड़कर धीरे धीरे जंगल की तरफ चली गयी। लगभग बेहोशी की हालत में उस बच्ची को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ठीक होने के बाद खुद उस बच्ची ने पूरी घटना की जानकारी दी और कहा कि शेरों के झूंड के बिल्कुल सामने पड़े होने के वक्त उसके भागने तक की स्थिति नहीं थी। वहां मौजूद तीन शेरनियों ने सिर्फ उसे करीब से देखा और कोई नुकसान नहीं पहुंचाया।

वैसे पशु विशेषज्ञों की राय इस कहानी से भिन्न है। वे मानते हैं कि दरअसल शेर उसके मरने की प्रतीक्षा कर रहे थे। वहां तीन शेरनी पहरेदारी कर रही थी ताकि कोई दूसरा जानवर उसे लेकर भाग नही पाये।

अफ्रीका के जंगल में तीन शेरनियो के एक साथ होने की स्थिति में दूसरे मांसाहारी जानवर वहां आने का खतरा नहीं उठाते हैं। एक अन्य पशु विशेषज्ञ का दावा है कि दरअसल बच्ची के घायल अवस्था में रोने की आवाज भी शेरों को अपने शावकों की आवाज जैसी लगी होगी। इन दोनों ही आवाजों में काफी समानता है। शायद इसी वजह से उन तीनों ने घायल बच्ची को सुरक्षा दी और कोई नुकसान नहीं पहुंचाया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button