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शांति के साथ-साथ शक्ति के भी उपासक हैं
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पूर्व जितना अधिक मजबूत होगा, देश उतना मजबूत
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अरुणाचल में आधारभूत संरचनाओं में बढ़ोत्तरी की गयी
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी: भारत और चीन के बीच सीमा तनाव के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 3 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश में सियोम पुल और 27 अन्य बीआरओ-पूरी हो चुकी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में अलोंग-यिन्कियोंग रोड पर सियोम ब्रिज पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 3 सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 724 करोड़ रुपये की 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।
राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले के बोलेंग पहुंचे और आधिकारिक तौर पर महत्वपूर्ण सियोम पुल का उद्घाटन किया। समारोह में रक्षा मंत्री ने देश के प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय हितों को पहले रखने के महत्व पर जोर दिया।
पिछले महीने तवांग सेक्टर में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज पहली बार अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले के दौरे पर पहुंचे।परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए किसी देश का नाम लिए बिना ही इशारों-इशारों में चीन को संदेश दिया कि भारत की धरती से ही वसुधैव कुटुंबकम का संदेश गया है।
चीन को चेतावनी दिया कि हम शांति के साथ-साथ शक्ति के भी उपासक हैं। बदलती दुनिया, बदलते समय और राष्ट्रों के बदलते हितों के मद्देनज़र किसी भी राष्ट्र को अपने आपको सशक्त रखना एक बड़ी आवश्यकता हैI दुनिया में आए दिन किसी न किसी प्रकार के संघर्ष की स्थिति दिखाई देती रहती हैI हालांकि, भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है, और यही भारत की नीति रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी यह युद्ध का समय कहकर भारत के संकल्प को पुनः स्पष्ट किया था और दुनिया का ध्यान इस संकल्प की ओर आकर्षित किया था। यानि हम युद्ध में यकीन नहीं रखते हैं। पर अगर हम पर युद्ध थोपा जाता है, तो हम हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। हाल में बीआरओ ने जिस भावना और गति के साथ विकास कार्यों को अंजाम दिया है, वह सराहनीय है।
अधिक से अधिक सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने की योजना सरकार की प्राथमिकता में है, ताकि वहां रहने वाले लोगों के विकास के साथ-साथ, उनमें व्यवस्था के प्रति विश्वास की भावना विकसित हो सके।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल में सीमा सड़क संगठन ने जिस भावना और गति के साथ विकास कार्यों को अंजाम दिया है वह सराहनीय है।
अधिक से अधिक सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने की योजना सरकार की प्राथमिकता में है, ताकि वहां रहने वाले लोगों के विकास के साथ-साथ, उनमें व्यवस्था के प्रति विश्वास की भावना विकसित हो सके।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि बीआरओ के नाम को, जब मैंने पहली बार शॉर्ट में लिखा देखा था, तो मैंने उसे ‘ब्रो’ समझा था, जिसे आज-कल हमारी नई ‘जनरेशन ब्रदर’ यानि भाई के रूप में उपयोग करती है। फिर मुझे बताया गया कि यह ‘ब्रो’ नहीं, बीआरओ लिखा है।
लेकिन मैं सेना को जिस तरह से देश की जनता के साथ मिलकर आगे बढ़ते देख रहा हूं, तो मैं कह सकता हूँ, कि तब मैंने बीआरओ को ‘ब्रो’ यानि ‘ब्रदर’ ’ गलत नहीं, बिलकुल सही पढ़ा था। बीआरओ, यानि हमारी सेनाओं का ‘ब्रो’, बीआरओ यानि हमारे देशवासियों का ‘ब्रो’।क्षा मंत्री ने कहा कि हमारा मानना है, कि उत्तर-पूर्व क्षेत्र, न केवल हमारे देश के समग्र विकास के लिए, बल्कि पूर्व एशिया के साथ हमारे पुनर्निर्माण, व्यापार, यात्रा और पर्यटन का भी प्रवेश द्वार है।
हमारे देश का यह पूर्वी हिस्सा जितना अधिक मजबूत होगा, हमारा पूरा देश उतना ही मजबूत होगा। रक्षा मंत्री द्वारा आज पुल का उद्घाटन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के दूर-दराज के क्षेत्रों में सैनिकों को तैनात करने में सैन्य लाभ देता है। यह पुल 100 मीटर लंबा है और सयोम नदी पर बनाया गया है।
इस पुल से स्थानीय लोगों को भी आवाजाही में मदद मिलेगी।मंत्री ने कहा कि हाल ही में, हमारे बलों ने उत्तरी क्षेत्र में दुश्मन का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया और बहादुरी और तत्परता के साथ स्थिति से निपटा। यह क्षेत्र में पर्याप्त अवसंरचनात्मक विकास के कारण संभव हो सका। यह हमें दूर-दराज के क्षेत्रों की प्रगति के लिए और भी प्रेरित करता है। अलोंग-यिनकियोंग रोड पर आयोजित कार्यक्रम में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सियोम पुल का भौतिक उद्घाटन किया गया, जबकि अन्य परियोजनाओं को वर्चुअल रूप से राष्ट्र को समर्पित किया गया।