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ऊर्जा की जरूरतों पर काम हो तो देश का बहुत भला होगाः नरेंद्र मोदी

अमृत काल में हमें भारत को आधुनिक विज्ञान की विश्व का सबसे आधुनिक प्रयोगशाला बनाना है:मोदी

  • वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विज्ञान कांग्रेस का उदघाटन

  • उन विषयों पर भी ध्यान रहे, जिनपर काम नहीं हो रहा

  • महिला सशक्तिकरण पर आधारित है यह वैज्ञानिक आयोजन

नईदिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा , वैज्ञानिक ऐसा संस्थागत ढांचा विकसित करें जो युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करें और उन्हें आगे बढ़ने का मौका दें। टैलेंट हंट  जैसी प्रतिभाओं के जरिए प्रतिभाओं की पहचान की जा सकती है और उन्हें प्रोत्साहित किया जा सकता है।

आज खेल में भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है ,इसकी वजह है कि खेल के प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थागत ढांचे को मजबूत किया गया। गुरु शिष्य की भारतीय परंपरा विज्ञान के क्षेत्र में भी मददगार हो सकती है जिसमें  शिष्य की सफलता में गुरु अपनी सफलता देखता है। हम ऐसे विषयों पर काम करें जो पूरी मानवता के लिए जरूरी हैं।

श्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से  महाराष्ट्र में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय (आरटीएमएनयू) के अमरावती रोड परिसर में आयोजित विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, भारत  25 वर्षों में जिस ऊंचाइयों पर पर होगा उसमें भारतीय वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

भारत का वैज्ञानिक समाज देश को उन ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा  जिसका देश हकदार रहा है, यह मेरा विश्वास है। उन्होंने कहा भारत का वैज्ञानिक समुदाय यदि ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने पर अनुसंधान करे तो इससे भारत का बड़ा भला होगा। हमें ऐसे भविष्य के विचारों पर भी काम करना होगा जिन पर अभी कहीं काम नहीं हो रहा है।

उद्घाटन सत्र में महाराष्ट्र के राज्यपाल और महाराष्ट्र शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय मंत्री और आरटीएमएनयू शताब्दी समारोह की सलाहकार समिति के अध्यक्ष नितिन गडकरी, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस शामिल रहे।

इस वर्ष कार्यक्रम की विषयवस्तु सांइस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल डेवलप्मेंट विद विमेन एमपावरमेंट (महिला सशक्तिकरण सहित सतत विकास के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी) है। सम्मेलन के जन संवाद और प्रदर्शनी आमजन के लिये खुली होंगी।  108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के तकनीकी सत्र को 14 वर्गों में बांटा गया है, जिनके तहत विश्वविद्यालय के महात्मा ज्योतिबा फुले शैक्षिक परिसर के विभिन्न स्थलों पर समानान्तर सत्र चलाये जायेंगे।   इन 14 वर्गों के अलावा, महिला विज्ञान कांग्रेस, किसान विज्ञान कांग्रेस, बाल विज्ञान कांग्रेस, जनजातीय समागम, विज्ञान व समाज तथा विज्ञान संचारकों की कांग्रेस के एक-एक सत्र का भी आयोजन किया जायेगा।

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