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प्रशासन ने कहा इसका जम जाना संभव नहीं
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घरों के दरवाजों पर कई फीट बर्फ जमी है
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न्यूयार्क पोस्ट ने कहा विंटर वाटरलैंड है
न्यूयार्कः पश्चिमी इलाके का यह मौसम तबाही लेकर आया है। इसे अब आर्कटिक बम साइक्लोन की संज्ञा दी गयी है। क्रिसमस के मौके पर ऐसा होने की पूर्व चेतावनी जारी की गयी थी। फिर भी लोगों को यह अंदेशा नहीं था कि परिस्थिति इतनी बिगड़ जाएगी। इस वजह से अब थोड़ा थोड़ा मौसम साफ होने के बाद बचाव कार्य में लगे लोगों को बर्फ में धंसी गाड़ियों में जमी हुई लाशें भी मिल रही है।
यह लोग अपनी अपनी गाड़ियों में बैठे हुए ही बर्फ में जम गये थे। इस मौसम में अब तक पचास से अधिक लोगों के मारे जाने की सूचना की पुष्टि हुई है। अनेक इलाकों में रहने वाले लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं क्योंकि उनके घरों के दरवाजे ही बर्फ से बंद हो चुके हैं। इसके बीच ही विश्व प्रसिद्ध जलप्रपात नायग्रा की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। इसमें साफ नजर आ रहा है कि यह विशाल फॉल भी भीषण ठंड की चपेट में आकर पूरी तरह जम गया है। इस जलप्रपात से जल का प्रवाह बंद है। वैसे अब मौसम में सुधार होने की वजह से परिस्थितियां धीरे धीरे सामान्य होने लगी हैं।
जिस नायाग्रा जलप्रपात को देखने दुनिया भर के पर्यटक आते हैं, उसका जम जाना भी मौसम के बदलाव के खतरे को स्पष्ट करता है। आम तौर पर इतनी विशाल जलराशि का इस तरीके से जम जाना कोई छोटी बात नहीं है। दरअसल इस इलाके में मौसम का यह कहर आर्कटिक से उठे उस तूफान की वजह से हैं, जिसे आर्कटिक बम साइक्लोन का नाम दिया गया है।
सामान्य बर्फवारी वाले इलाकों में भी चार से पांच फीट तक की बर्फवारी की वजह से बाहर खड़ी गाड़ियां भी पूरी तरह बर्फ में धंस गयी हैं। अब उन्हें क्रेन के सहारे निकालना पड़ रहा है। इस बीच नायाग्रा जलप्रपात की तस्वीरों के बारे में नायाग्रा पार्क प्रशासन ने सफाई दी है।
उनका कहना है कि वहां इतना अधिक पानी है जिसका जमना संभव नहीं है क्योंकि जल के प्रवाह की निरंतरता की वजह से ऐसा नहीं हो सकता। वहां पर प्रति सेकंड 3160 टन पानी नीचे गिरता है। इतनी अधिक मात्रा में पानी के प्रवाह का जम जाना संभव नहीं है। इसी वजह से सोशल मीडिय पर वायरल होने वाली तस्वीरों की जांच कर प्रसिद्ध अखबार न्यूयार्क पोस्ट ने कहा है कि यह दरअसल नायाग्रा जलप्रपात की तस्वीर नहीं है। यह विंटर वाटरलैंड की तस्वीर हैं, जिसे शरारती लोगों न नायग्रा जलप्रपात कहकर भ्रमित किया है।