केरलमुख्य समाचारमौसम

मुल्लापेरियर डैम लबालब, बाढ़ की चेतावनी जारी

ठंड के मौसम में अतिरिक्त बारिश से केरल में बढ़ा नया खतरा

राष्ट्रीय खबर

तिरुअनंतपुरमः केरल अब भी मौसम के बदलाव का कहर झेल रहा है। इस बार फिर से वहां का मुल्लापेरियर डैम अचानक से पूरी तरह भर गया है। इस वजह से डैम का गेट खोलने का फैसला लेने के पहले ही निचले इलाकों में चेतावनी संकेत जारी किया गया है। अभी की जानकारी के मुताबिक डैम का जलस्तर 142 फीट तक पहुंच गया है। यह डैम में जल संधारण की सर्वाधिक सीमा है।

इससे अधिक पानी आने की स्थिति में डैम को बचाने के लिए डैम के और गेट खोलने की नौबत आयेगी। यह अतिरिक्त गेट खोले जाने का अर्थ है कि निचले इलाकों में फिर से पानी भर जाएगा। इन इलाकों में रहने वालों को यह बताया गया है कि यह तीसरी और अंतिम चेतावनी है।

इसलिए लोगों को किसी भी समय अपने घर छोड़कर ऊंचाई में सुरक्षित स्थानो पर जाने के लिए तैयार रहना होगा। कल जब डैम का जलस्तर इस स्तर तक पहुंचा, तभी यह चेतावनी जारी कर दी गयी थी। उसके बाद से विभागीय लोग लगातार बारी बारी से डैम की हालत पर नजर रख रहे हैं।

हाल के दिनों में दक्षिण भारत के कई हिस्सों में हुई बारिश का असर केरल पर भी पड़ा है। इसी वजह से अनेक नदियों में अतिरिक्त जल प्रवाह की वजह से अब डैम फिर से दिसंबर माह में लबालब भर गया है। आम तौर पर ऐसा बहुत कम ही होता है लेकिन इस बार नवंबर और दिसंबर में भी काफी बारिश हुई है।

वहां के इंजीनियरों ने बताया कि डैम का जलस्तर कल बढ़ने की वजह से वहां से 750 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इंजीनियरों के मुताबिक डैम का जलस्तर शीर्ष पर पहुंचने में मात्र तीन घंटे का समय लगा। इससे साफ है कि डैम से जुड़ी नदियों से जल की आमद बहुत तेज गति से हो रही है। वहां की गणना के मुताबिक 7666 मिलियन घन फीट की क्षमता वाले इस डैम में अभी 1687 क्यूसेक पानी आ रहा है। इसी वजह से डैम इतनी तेजी से भरता चला गया।

127 वर्ष पुराने इस डैम को लेकर केरल और तमिलनाडू के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। केरल जब पानी छोड़ने की बात करता है तो तमिलनाडू अपने इलाके की जलापूर्ति बाधित होने का हवाला देकर इसे रोकने की बात करता है।

कई बार केरल के निचले इलाकों में भारी तबाही के बाद ही तमिलनाडू से पानी छोड़ने पर सहमति दी है। दूसरी तरफ दिसंबर के अंतिम सप्ताह में डैम के इस जलस्तर की वजह से केरल और तमिलनाडू के किसान संतुष्ट हैं। उनके मुताबिक डैम में इतना पानी होने का अर्थ है कि आगे भी उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी खेतों में मिलता रहेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button