पूर्वोत्तर संवाददाता
गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मेघालय और त्रिपुरा के दौरे पर हैं। चीन से तनाव के बीच पीएम मोदी का पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा काफी अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले शिलांग में जनसभा की और फिर अगरतला में रोड शो किया। इसके बाद अगरतला में भी एक जनसभा को संबोधित किया।इस दौरान पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर राज्यों में हुए विकास का जिक्र कियाप्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अगरतला गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज का उद्घाटन किया, जिसे हाल ही में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की मंजूरी मिली है।
विवेकानंद मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज त्रिपुरा में अपना डेंटल कॉलेज है, अब कोई भी त्रिपुरा में ही डॉक्टर बन सकता है। उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि त्रिपुरा छोटे राज्यों में देश का सबसे स्वच्छ राज्य बनकर उभरा है।इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा, ‘आदिवासी समुदाय की पहली पसंद बीजेपी है।
हाल के गुजरात चुनावों में, बीजेपी ने आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षित 27 सीटों में से 24 पर जीत हासिल की। हमने आदिवासी समुदाय से जुड़े मुद्दों को महत्व दिया है। अगरतला में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘सरकार जनजाति समुदायों के जीवन में सुधार के लिए समर्पित है। जो बजट 21,000 करोड़ रुपये का हुआ करता था, वह अब 88,000 करोड़ रुपये हो गया है। यह भाजपा सरकार है, जिसने हर साल 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस मनाने की पहल शुरू की है।
स्वच्छता को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि मैं स्वच्छता को एक जन आंदोलन बनाने के लिए त्रिपुरा के लोगों को बधाई देता हूं। इससे त्रिपुरा सबसे छोटे राज्यों की श्रेणी में सबसे स्वच्छ राज्य बनकर उभरा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज त्रिपुरा को अपना पहला डेंटल कॉलेज मिला है। इससे त्रिपुरा के युवाओं को यहीं पर डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा।
आज त्रिपुरा के 2 लाख से अधिक गरीब परिवार अपने नए पक्के घर में गृहप्रवेश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने देरी से आने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह राज्य में यहां आकर धन्य हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि त्रिपुरा अब पूर्वोत्तर और देश के बाकी हिस्सों के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्ग का प्रवेश द्वार बन रहा है।हमारा ध्यान त्रिपुरा के सर्वांगीण विकास पर है।
उन्होंने कहा कि आज शुरू की गई परियोजनाओं से राज्य के विकास को गति मिलेगी। उल्लेखनीय है कि डेंटल मेडिकल काउंसिल ने 12 और 13 दिसंबर को निरीक्षण किया था और 14 दिसंबर को देश के स्वास्थ्य मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी। डेंटल कॉलेज में 50 सीटें होंगी और यह त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय के तहत काम करेगा, 50 सीटों में से 15 प्रतिशत सीटें केंद्रीय पूल के लिए आरक्षित होंगी, जबकि 7/8 सीटें पूर्वोत्तर राज्यों के लिए जाएंगी और छूटी हुई सीटें त्रिपुरा के छात्रों के लिए आरक्षित होंगी।