कियेबः अमेरिका ने यह एलान कर दिया है कि वह यूक्रेन को अभी और हथियार देगा। इसके साथ ही रूसी मिसाइल हमलों से तबाह हो चुके वहां के बिजली संयंत्रों को चालू करने में भी मदद करेगी। इस क्रम में नाटो के सदस्य देश भी नये सिरे से यूक्रेन को हथियार उपलब्ध कराने की तैयारियों में जुटे हैं। यूक्रेन को पहले भेजे गये तोपखानों में से एक तिहाई के खराब होने की वजह से अमेरिका ने पड़ोसी देश पोलैंड में ही एक कारखाना स्थापित किया है, जहां इन तोपों की मरम्मत की जा रही है।
इस अमेरिका एलान के बीच ही रूस के पूर्व राष्ट्रपति डिमित्री मेडेवडेव ने नाटो की चेतावनी दी है कि इस किस्म से हथियारों की आपूर्ति के और खतरनाक परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन को अमेरिकी सेना पेट्रियोट मिसाइल देती है तो युद्ध और भयानक हो जाएगा, इस बात को सभी को समझना होगा।
उन्होंने अपने टेलीग्राम चैनल के माध्यम से यह बात रखी है। नाटो के जनरल सेक्रेटरी जेंस स्टोटेनबर्ग ने इसके पहले इशारा किया था कि यूक्रेन को पेट्रियोट मिसाइल दिये जा सकते हैं। साथ ही उन्होंने यूक्रेन में नाटो के लोगों को भी तैनात करने की बात कही थी। पूर्व रूसी राष्ट्रपति ने ऐसे फैसलो को तनाव और बढ़ाने वाला करार दिया है। उन्होंने साफ शब्दों मे कहा कि सभी को पता है कि इस किस्म के हमलों का रूसी सेना किस तरीके से जबाव देगी।
इसलिए लोगों को संयम से काम लेना चाहिए। दरअसल इसके बीच ही अमेरिका सेना के पेट्रियोट मिसाइल के अलावा सैम सिस्टम लांचर भी एक हवाई अड्डे पर देखे गये हैं। जिसके बाद से ही अत्याधुनिक हथियार यूक्रेन के युद्ध में इस्तेमाल होने की चर्चा ने जोर पकड़ी है। यूक्रेन ने भी रूसी हवाई हमलों को रोकने के लिए पश्चिमी देशों से आधुनिक तकनीकों की मांग की है। इस मांग में अमेरिका मिसाइल पेट्रियॉट भी शामिल रहा है। खास कर ऊर्जा संयंत्रों पर बार बार होने वाले रूसी हमलों को रोकने के नाम पर इनकी मांग की गयी है। इसी चर्चा के बीच पूर्व रूसी राष्ट्रपति का यह संदेश भी सार्वजनिक हो गया है।