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सत्येंद्र जैन की मालिश का वीडियो लीक होने की वजह से बवाल

  • वकील के माध्यम से की गयी शिकायत

  • किसने लीक किया, यह जानेगी अदालत

  • सिसोदिया ने कहा ध्यान भटकाने की साजिश

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः जेल में बंद दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के पैरों की मालिश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो के वायरल होने के बाद अब अदालत ने ईडी पर अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है। शनिवार की सुबह से यह वीडियो बाहर आया और अब अदालत ईडी से यह पूछ चुकी है कि यह वीडियो बाहर कैसे आ गये जबकि ईडी ने इस मामले में पहले ही शपथपत्र दाखिल कर रखा है।

इस वीडियो में यह देखा जा रहा है कि एक बिस्तर पर सत्येंद्र जैन लेटकर कोई दस्तावेज देख रहे हैं। पैर के पास बैठा एक व्यक्ति उनकी पैर की मालिश कर रहा है। भाजपा आईटी सेल की तरह से इस वीडियो को प्रसारित किया गया तथा कई सोशल मीडिया में भी इसे दिखाया गया। इसके साथ ही यह कहा गया कि जेल में बंद सत्येंद्र जैन को अब भी वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।

गुजरात के चुनावी मैदान तक में भाजपा की तरफ से इसका प्रचार किया गया है। इसी वीडियो के लीक होने की वजह से अब अदालत ने ईडी को नोटिस जारी कर दिया है। ईडी ने अदालत को ऐसे सीसीटीवी फुटेज को गोपनीय रखने का भरोसा अदालत को दिया था। इसके बाद भी ऐसा वीडियो भाजपा तक कैसे पहुंचा, इसका जबाव मांगा गया है।

इस वीडियो पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का बयान भी आया है। श्री सिसोदिया ने कहा है कि भाजपा ने जिस तरीके से इस वीडियो का प्रचार किया है, दरअसल घटना वैसी नहीं है। जेल में बंद सत्येंद्र जैन गिर जाने की वजह से घायल हुए थे। डाक्टरों की सलाह पर उन्हें उनके सेल के अंदर फिजियोथेरापी दी जा रही थी। इस फिजियोथेरापी को ही भाजपा आईटी सेल ने जेल में मंत्री की मालिश बताते हुए प्रचारित किया है।

उन्होंने भी यह सवाल उठाया कि यह वीडियो भाजपा तक कैसे पहुंचा, इसका उत्तर तो ईडी को ही देना है। उन्होंने कहा कि दरअसल चुनाव के असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की यह भाजपा की पुरानी चाल है। अब जनता भी भाजपा की इन चालों को अच्छी तरह समझ चुकी है।

सोमवार को ही इस मामले की अगली सुनवाई होनी है। इस बारे में सत्येंद्र जैन के वकील मोहम्मद इरशाद ने कहा कि अपने मुवक्किल के आवेदन पर उन्होंने अदालत को इस घटना से अवगत कराया था। सोमवार अदालत इस वीडियो रिकार्डिंग के लीक होने के विषय पर भी बात करेगी। दरअसल पिछले जून माह से जेल में बंद सत्येंद्र जैन के मामले में ईडी ने पहले ही अदालत को बताया था कि सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक नहीं होने दिया जाएगा। उसके बाद भी ऐसा क्यों और किसके निर्देश पर हुआ, इसी पर ईडी से पूछा गया है क्योंकि यह अदालत की अवमानना की श्रेणी में आता है।

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