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हवाई युद्ध में अब रूस का दबदबा कायम

लंदनः यूक्रेन ने प्रारंभ में रूसी वायुसेना को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाने का दावा किया था। अब क्रीमिया ब्रिज पर हमले तथा रूसी नौसेना के जहाज को नुकसान पहुंचाने के बाद स्थिति बदली हुई नजर आ रही है। पहले तो रूस ने मिसाइल और विस्फोटक युक्त ड्रोनों से यूक्रेन में तबाह मचा दी। इसकी वजह से यूक्रेन के अधिकांश इलाकों में बिजली गुल हो गयी थी। अब राजधानी कियेब से भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा जा रहा है।

दूसरी तरफ विकल्प के तौर पर यूक्रेन में अनेक स्थानों पर लोगों को गर्म रखने का अतिरिक्त इंतजाम किया जा रहा है। इसके पहले यह माना गया था कि हवाई युद्ध में यूक्रेन का पलड़ा भारी है। इस दावे के समर्थन में अनेक चित्र और वीडियो भी आये थे, जिनमें रूसी विमानों को ध्वस्त होते दिखाया गया था।

अब रूसी सेना अपने मिग 31 के सहारे नये सिरे से हमला कर रही है। जिन विमानों का इसमें इस्तेमाल किया जा रहा है, वे मिग 31 बीएम कहलाते हैं। काफी अधिक ऊंचाई पर उड़ने वाले यह विमान एक सौ मील की दूरी से ही यूक्रेन के विमानों को निशाना बना रहे हैं। इनमें रूस ने वाइएमपेल आर 37 मिसाइल लगा रखे हैं, जो हवा से हवा में मार करते हैं। इन मिसाइलों का कोई जबाव फिलहाल यूक्रेन के पास नहीं है।

इस वजह से हाल के दिनों में यूक्रेन की वायुसेना को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। वैसे रूस के दूसरे विमान इस मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं क्योंकि उन्हें यूक्रेन ने बडी आसानी से मार गिराया है। खबर है कि हाल के दिनों में यूक्रेन के अनेक विमान इस किस्म के रूसी हमले के शिकार हुए हैं। उनके पास रूस के इस विमान तथा मिसाइल का कोई काट भी नहीं है। रॉयल यूनाइटेड सर्विस के विशेषज्ञ जस्टिन ब्रोंक, निक रेनोल्ड्स और जैक वाटलिंग ने कहा है कि इस रूसी विमान और मिसाइल की तालमेल से यूक्रेन को भारी परेशानी हो रही है।

यह बताया गया है कि मिग 31 को वर्ष 1975 में पहली बार सेवा में लाया गया था। 24 टन वजन वाले इस विमान को हवाई दैत्य भी कहा जाता है। इन्हें खास तौर पर अमेरिकी वायुसेना के अत्यंत तेज गति के जहाजों का मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया था। बाद में क्रमवार ढंग से इनमें आधुनिक मिसाइल लगाये गये हैं। यह विमान आसमान में करीब साठ हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ते हुए वार करता है।

इसलिए यूक्रेन की वायुसेना कुछ नहीं कर पा रही है। ऐसे विमानों में लगे राडार की वजह से दुश्मन के विमान का पता दो सौ मील की दूरी से चल जाता है। जिसके बाद एक मिसाइल सीधे लक्ष्य पर वार करता है। जिन इलाकों पर कब्जा के लिए यूक्रेन की सेना ने जबावी कार्रवाई प्रारंभ की थी, वहां के आसमान पर यह विमान जब से निगरानी कर रहे हैं, यूक्रेन की सेना का आगे बढ़ना ठहर गया है। खबर है कि इस बीच यूक्रेन ने चार मिग 29 एस, छह एसयू 25 और 24 तथा एक एसयू 27 विमान गंवा दिया है।

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