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यूक्रेन युद्ध की वजह से क्लासनिकोव बना रहा अधिक हथियार

मॉस्कोः क्लासनिकोव नामक कंपनी को पूरी दुनिया उसके घातक हथियारों के लिए जानती है। सबसे पहले इस कंपनी द्वारा तैयार एके 47 लोकप्रिय हुआ था। सेना के अलावा इसे आतंकवादियों ने भी हासिल कर लिया था। अत्यधिक तेज रफ्तार के गोली दागने की क्षमता की वजह से यह दुनियाभर में लोकप्रिय हो गया था। उसके बाद इसी कंपनी ने एके 56 भी बनाया और इस हथियार को भी दुनिया में पसंद किया गया।

अब यूक्रेन के साथ रूस का युद्ध जारी रहने की वजह से इस कंपनी में दिन रात काम चल रहा है। कंपनी के मुताबिक उसे लगातार विदेशों से भी ऑर्डर मिल रहे हैं और इस वजह से कारखाना के उत्पादन को बढ़ाना पड़ा है। इसके अलावा रूसी सेना के लिए भी छोटे हथियारों की आपूर्ति का बड़ा आर्डर इस कंपनी के पास होने की वजह से वहां अब दिन रात काम चल रहा है।

यूक्रेन के साथ युद्ध में अनेक हथियार नष्ट होने की वजह से रूसी सेना को भी नये हथियारों की आवश्यकता पड़ी है। हाल ही में सेना में शामिल किये गये सुरक्षित सैनिकों को भी इसी हथियार से सुसज्जित करना है। दरअसल एके 47 और एके 56 की विशेषता यह है कि इसे चलाने के लिए बहुत अधिक तकनीकी जानकारी की जरूरत नहीं पड़ती। इसी वजह से कंपनी ने औपचारिक तौर पर दावा किया है कि उसके उत्पादन को चालीस प्रतिशत अधिक करना पड़ा है।

इसमें विदेश से मिले ऑर्डर भी शामिल हैं। इस क्रम में पता चला है कि दरअसल यह कोई एक कंपनी नहीं है बल्कि हथियार निर्माता कंपनियों का एक समूह है, जिस पर सरकार द्वारा नियंत्रित रोसटेक का आदेश चलता है। कंपनी ने चर्चित हथियारो के अलावा स्नाइपर राइफल भी बनाये हैं, जिनका इस्तेमाल रूसी सेना कर रही है। इस श्रेणी के हथियारों का निर्यात नहीं किया गया है।

रूस के पूर्व परिवहन मंत्री लुशिनिकोव ने हाल ही में इस कंपनी के 75 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। उन्होंने बताया कि कंपनी की आमदनी का 79 प्रतिशत सेनाओं के साथ हुए कारोबार से आता है जबकि शेष आमदनी निजी कंपनियों की हथियार खरीद से होती है।

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