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कोलकाताः बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक कई तूफान आने की चेतावनी पहले ही दी गयी थी। इसके तहत अब बताया जा रहा है कि वहां अगले चौबीस घंटे के भीतर फिर से एक चक्रवाती तूफान बन सकता है। इसका नामकरण पहले ही कर दिया गया है। इस संभावित समुद्री तूफान को मान्दोस नाम से जाना जाएगा।
अभी एक सप्ताह पहले ही पूर्वोत्तर भारत में चक्रवाती तूफान सितरंग की वजह से भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं घटी हैं। मौसम वैज्ञानिकों का दल वहां की स्थिति पर लगातार नजर बनाये हुए है। सैटेलाइट से प्राप्त चित्रों के आधार पर यह माना गया है कि अगले चौबीस घंटे में इसकी स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी।
अगर यह तूफान अधिक शक्तिशाली हुआ तो अगले चार दिनों यानी अगले सप्ताह के बुधवार तक यह फिर से एक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। वैसे अब तक के आंकड़ों के हिसाब से बंगाल की खाड़ी में अगर यह चक्रवाती तूफान बना तो वह इस बार आंध्रप्रदेश के समुद्री तटों की तरफ आगे बढ़ेगा क्योंकि अभी ऊपरी वायुमंडल में हवा का प्रवाह कुछ इसी तरीके का है जो तूफान बन जाने की स्थिति में उसे आंध्रप्रदेश की तरफ ले जाएगा।
पिछले दिनों सितरंग का असर पश्चिम बंगाल में कम और बांग्लादेश में अधिक हुआ था। उस तूफान की वजह से पूर्वोत्तर भारत के अनेक इलाके लगातार कई दिनों तक भीषण वर्षा से प्रभावित रहे थे। मौसम विज्ञान विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर अभी की स्थिति के मुताबिक यह चक्रवाती तूफान बनकर आंध्रप्रदेश की तरफ बढ़ने लगा तो पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में जोरदार बारिश होगी।
दरअसल नीचे से ऊपर तक हवा के चक्कर काटने की वजह से दूर तक के बादल इसकी तरफ खींचे चले आते हैं। इसी के प्रभाव से कुछ अन्य राज्यों में बारिश होगी। अभी की गणना के मुताबिक यह तूफान अपनी ताकत बढ़ाने के बाद उत्तर पश्चिम की तरफ आगे बढ़ेगा और अनुमान है कि आगामी 11 नवंबर की सुबह यह आंध्रप्रदेश के मछलीपत्तनम के समुद्री तट से जा टकरायेगा। वैसी स्थिति में आंध्र और तेलेंगना के कई इलाके इसकी चपेट में आ जाएंगे। अनुमान है कि तूफान के इलाकों में एक दिन पहले यानी दस नवंब से ही तेज हवा और आसमान पर बादल नजर आने लगेंगे।