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सरदार पटेल की सोच कांग्रेस की विरासत: खरगे

मोदी और शाह के गढ़ में घुसकर कांग्रेस ने चुनौती दी

  • भाजपा और संघ का कुप्रचार चल रहा है

  • देश के संसाधनों पर सीमित लोगों का कब्जा

  • खुद कुछ नहीं किया तो ध्यान भटकाते रहते हैं

राष्ट्रीय खबर

अहमदाबादः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे में कहा है कि सरदार वल्लभभाई पटेल और पंडित जवाहरलाल नेहरू के संबंधों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भले ही दुष्प्रचार का प्रयास कर रही है, लेकिन सच यह है कि दोनों की सोच एक थी और इसी के परिणामस्वरूप सरदार पटेल ने आरएसएस पर बैन लगाया और दुनिया भर में कांग्रेस का नाम रोशन किया।

श्री खरगे ने मंगलवार को यहां शाहीबाग में सरदार पटेल स्मारक परिसर में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन के लिए बने विशाल सभागार में अधिवेशन की पहले दिन आज पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति सीडब्ल्यूसी की विस्तारित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़कर देश के बुनियादी मसलों से ध्यान भटकाने का आज काम हो रहा है और सीमित लोगों द्वारा देश के संसाधनों पर कब्जा करते हुए शासन को नियंत्रित करने का काम हो रहा है।

उनका कहना था कि सरदार पटेल कांग्रेस की विरासत है और उनके दिखाए रास्ते पर चलकर कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा, गुजरात की धरती पर पैदा हुई तीन महान हस्तियों ने कांग्रेस का नाम दुनिया भर में रोशन किया है। इनमें दादा भाई नौरोजी, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल- ये सभी हमारी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे। गांधी जी ने हमें अन्याय के खिलाफ सत्य और अंिहसा का हथियार दिया।

ये इतना मजबूत वैचारिक हथियार है कि इसके सामने कोई ताकत टिक नहीं सकती। गांधीजी के नेतृत्व में चम्पारण सत्याग्रह सफल रहा और उसने गांव- गांव में कांग्रेस की जड़ों को जमाने में ठीक वैसे ही मदद की जैसे गुजरात में सरदार पटेल के नेतृत्व में बारडोली सत्याग्रह चला। श्री खरगे ने कहा, इस साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 150वीं जयंती है जिसे हम देश भर में उल्लास से मनाएँगे।

पंडित नेहरू उन्हें भारत की एकता का संस्थापक कहते थे। जब सरदार पटेल कांग्रेस अध्यक्ष थे तो उनके नेतृत्व में कराची कांग्रेस अधिवेशन में मौलिक अधिकारों पर जो प्रस्ताव पारित हुए वह भारतीय संविधान की आत्मा है। सरदार पटेल संविधान सभा की महत्वपूर्ण मूल अधिकारों, अल्पसंख्यकों तथा आदिवासी एरिया समिति के अध्यक्ष थे।

पटेल जी की सुविधा के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठकें उनके निवास पर रखी जाती थीं। बाबा साहेब अम्बेडकर को संविधान सभा का सदस्य बनाने में गाँधी जी और सरदार पटेल की अहम भूमिका थी। डा. अम्बेडकर ने ख़ुद 25 नवंबर 1949  को संविधान सभा के अपने अंतिम भाषण में कहा था कि कांग्रेस पार्टी के सहयोग के बिना संविधान नहीं बन सकता था। ले

किन जब संविधान बना तो आरएसएस ने गाँधी जी, पंडित नेहरु, डॉ अम्बेडकर और कांग्रेस की बहुत आलोचना की। मोदी सरकार ने संसद परिसर में गांधीजी और बाबा साहेब की भव्य मूर्ति को उठा कर एक कोने में डाल कर उनका अपमान किया। गृहमंत्री ने राज्यसभा में ये कह कर बाबा साहेब का मजाक उड़ाया कि आप लोग अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहते हैं, अगर इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, कांग्रेस पार्टी संविधान और संविधान निर्माताओं दोनों का सम्मान करती है और उसकी रक्षा करना जानती है। सरदार पटेल हमारे दिलों में बसे हैं, विचारों में बसे हैं। हम उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। सीडब्ल्यूसी की यह बैठक हमने अहमदाबाद में सरदार पटेल स्मारक में इसी सोच से रखी है। हम उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज भाजपा और संघ परिवार के लोग गाँधी जी से जुड़े संस्थानों पर कब्जा कर उसे उन्हीं के वैचारिक विरोधियों को सौंप रहे है। वाराणसी में भी सर्व सेवा संघ पर इन्होने कब्जा कर लिया है।

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