संसदीय पैनल ने कहा आधे से अधिक पद खाली
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः संसदीय पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और आईआईएसईआर में 56 प्रतिशत प्रोफेसर पद खाली हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रोफेसरों के 56.18 प्रतिशत पद खाली हैं।
पैनल ने इस मुद्दे को हल करने के लिए संकाय भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने की सिफारिश की है। शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल पर संसदीय स्थायी समिति ने उच्च शिक्षा विभाग की 2025-26 अनुदान मांगों नामक अपनी रिपोर्ट में, जिसे बुधवार को संसद में पेश किया गया, कहा कि सभी भर्ती प्रक्रियाएं पारदर्शी, योग्यता आधारित, उद्देश्यपूर्ण होनी चाहिए और समान अवसर और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, 31 जनवरी 2025 तक, आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), केंद्रीय विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में कुल स्वीकृत शिक्षण संकाय पदों (18,940) में से 28.56 प्रतिशत रिक्त थे।
डेटा से यह भी पता चलता है कि 11,298 सहायक प्रोफेसर पदों (प्रवेश स्तर के पद) में से 17.97 प्रतिशत रिक्त हैं, 5,102 एसोसिएट प्रोफेसर पदों (मध्य स्तर के पद) में से 38.28 प्रतिशत रिक्त हैं, और 2,540 प्रोफेसर पदों में से 56.18 प्रतिशत पद खाली हैं। समिति ने कहा, तकनीकी संस्थानों सहित उच्च शिक्षण संस्थानों में रिक्तियों का अस्तित्व संकाय-छात्र अनुपात को प्रभावित करता है और ऐसे संस्थानों में शिक्षण की गुणवत्ता को कम करता है। यह आंकड़ा तब सामने आया है जब सरकार की तरफ से बार बार देश में ऐसे प्रमुख शिक्षण संस्थान हर साल खोलने का प्रचार किया जाता रहा है। खुद प्रधानमंत्री भी कई जनसभाओं में अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए ऐसा कहते पाये गये हैं।