नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक मुख्यालय पहुंचे प्रधानमंत्री
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नेत्रालय भवन के शिलान्यास का अवसर था
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संघ के इतिहास और समर्पण पर बातें कही
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राष्ट्रीय अध्यक्ष की चर्चा के बीच है यह दौरा
नागपुरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी राष्ट्र के अस्तित्व के लिए उसकी राष्ट्रीय राष्ट्रीय चेतना और संस्कृति के विस्तार को महत्वपूर्ण बताते हुए रविवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी सोच और सिद्धांतों के साथ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक वट वृक्ष है तथा यह राष्ट्रीय चेतना को निरंतर ऊर्जावान बना रहा है।
श्री मोदी ने यहां कहा कि कठिन से कठिन दौर में भी भारत की चेता को जागृत रखने वाले नए-नए सामाजिक आंदोलन होते रहे हैं। उन्होंने आरएसएस की स्थापना को भी सौ साल पहले शुरू हुआ इसी तरह का एक आंदोलन बताया। श्री मोदी नागपुर के माधव नेत्रालय के नए भवन (प्रीमियर सेंटर) के शिलान्यास पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
श्री मोदी ने नागपुर के दौरे में आरएसएस के मुख्यालय का दौरा किया और वहां संगठन के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार और आरएसएस के पूर्व सर संघ चालक स्वर्गीय माधव सदाशिव गोलवरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री मोदी यहां दीक्षाभूमि भी गए और डॉ भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
नागपुर के दौरे में श्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उनके साथ थे। प्रधानमंत्री ने माधव नेत्रालय के कार्यक्रम में कहा,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट है। यह अक्षय वट आज भारतीय संस्कृति को, हमारे राष्ट्र की चेतना को निरंतर ऊर्जावान बना रहा है।
उन्होंंने संघ के कार्यकर्ताओं को इस अक्षय वट की टहनियां बताया। श्री मोदी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का अस्तित्व, पीढ़ी दर पीढ़ी, उसकी संस्कृति के विस्तार, उस राष्ट्र की चेतना के विस्तार पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा,हम अपने देश का इतिहास देखें, तो सैकड़ों वर्षों की गुलामी, इतने आक्रमण, भारत की सामाजिक संरचना को मिटाने की इतनी क्रूर कोशिशें, लेकिन भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई, उसकी लौ जलती रही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इसलिए संभव हुआ क्यों कि भारत में समय समय पर चेतना को जागृत करने वाले आंदोलनों के संदर्भ में मध्य काल के भक्ति आंदोलन का उदाहरण दिया और कहा, मध्यकाल के उस कठिन कालखंड में हमारे संतों ने भक्ति के विचारों से हमारी राष्ट्रीय चेतना को नयी ऊंचाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा,देव से देश और राम से राष्ट्र के जीवन मंत्र लेकर के चले हैं, अपना कर्तव्य निभाते चलते हैं। और इसलिए हम देखते हैं, बड़ा-छोटा कैसा भी काम हो, कोई भी कार्यक्षेत्र हो, सीमावर्ती गाँव हों, पहाड़ी क्षेत्र हों, वनक्षेत्र हो, संघ के स्वयंसेवक नि:स्वार्थ भाव से कार्य करते रहते हैं।
कहीं कोई आपदा आ जाए, बाढ़ की तबाही हो या भूकंप की विभीषिका हो, स्वयंसेवक एक अनुशासित सिपाही की तरह तुरंत मौके पर पहुँचते हैं। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक कोई अपनी परेशानी नहीं देखता, अपनी पीड़ा नहीं देखता, बस सेवा भावना से हम काम में जुट जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा,आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश जिस तरह काम कर रहा है, माधव नेत्रालय उन प्रयासों को बढ़ा रहा है।
उन्होंने आयुष्मान भारत, मेडिकल कालेजों की संख्या बढ़ाने , जन औषधिकेंद्र योजना जैसी अपनी सरकार की स्वास्थ्य सेवा संबंधी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा,बीते 10 साल में गांवों में लाखों आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने हैं, जहां से लोगों को देश के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों से टेलीमेडिसिन से कंसल्टेशन मिलता है, प्राथमिक इलाज मिलता है और आगे के लिए सहायता होती है।
उन्हें रोगों की जांच के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ रहा। माधव नेत्रालय के कार्यक्रम में आरएसएस के प्रमुख डॉ मोहन भागवत, स्वामी गोविंद गिरी , स्वामी अवधेशानंद गिरी मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और नितिन गडकरी भी उपस्थित थे।
वैसे राजनीतिक तौर पर यह माना जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की गाड़ी फंसने की वजह से मोदी अब संघ की चौखट पर पहुंचे है। दरअसल संघ के सूत्रों ने संजय जोशी के नाम की चर्चा फैला दी, जिससे मोदी खेमा का चिंतित होना लाजिमी है। यह सभी जानते हैं कि कभी एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र रहे मोदी और संजय जोशी के बीच अब कटूता का रिश्ता है। ऐसे में मोदी का खेमा इस नाम की चर्चा से परेशानी में है।