जांच में अभिनेत्री के दावे के विपरीत तथ्य सामने आ गये
राष्ट्रीय खबर
मुंबईः अभिनेत्री प्रीति जिंटा को न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक से ऋण माफी मिली है। यह जानकारी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के सूत्रों ने शुक्रवार को दी। रिपोर्ट के अनुसार, ईओडब्ल्यू बैंक के पूर्व अध्यक्ष हिरेन भानु के खिलाफ रिश्वत के बदले ऋण स्वीकृत करने के आरोप की जांच कर रही है।
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक (एनआईसीबी) धोखाधड़ी मामले में बैंक से धन की कथित हेराफेरी शामिल है। इस मामले में शहर की पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान पता चला कि अभिनेत्री को ऋण माफी से लाभ मिला है। पुलिस ने बताया कि सात जनवरी 2011 को प्रीति जिंटा को 18 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया था।
31 मार्च, 2013 को ऋण को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया। बाद में राशि 10.74 करोड़ रुपये तय की गई और उसे 1.55 करोड़ रुपये की छूट दी गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह राशि पांच अप्रैल, 2014 को चुकाई गई। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) वर्तमान में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक गबन मामले की जांच कर रही है। इसने अब तक मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें बैंक के पूर्व महाप्रबंधक और खातों के प्रमुख हितेश मेहता भी शामिल हैं, जिन्हें 15 फरवरी को हिरासत में लिया गया था।
जांच के एक हिस्से के रूप में, एजेंसी ने 2010 से बैंक के एनपीए ऋणों के आंकड़ों की जांच की, जब प्रीति के ऋण के बारे में विवरण सामने आए। उन्होंने कहा, जांच के दौरान पाया गया कि अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने बैंक से ऋण लिया था। उन्हें 7 जनवरी, 2011 को 18 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया था। अधिकारी ने कहा, उन्होंने अपनी संपत्ति बैंक को गिरवी रख दी थी, जिसमें मुंबई में एक फ्लैट और शिमला में एक संपत्ति शामिल थी, जिसकी कुल कीमत 27.41 करोड़ थी। नवंबर 2012 में उन्हें बैंक को 11.40 करोड़ चुकाने थे। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2013 को समय पर ऋण न चुकाने के कारण उनके ऋण खाते को एनपीए घोषित कर दिया गया था और एनपीए राशि 11.47 करोड़ थी।