राज्य की तमाम बंद सड़कों को 8 मार्च तक खोले
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हथियार सौंपने का कार्यक्रम अब भी जारी
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जनता ने तीन सौ से अधिक शस्त्र सौंपे
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मैतेई तीर्थयात्री समूह को निशाना बनाया गया
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मणिपुर मामले पर चर्चा करने के लिए अहर बैठक बुलाई। यह समीक्षा बैठक गृह मंत्रालय में हुई। मणिपुर की सुरक्षा को लेकर ये समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता गृह मंत्री अमित शाह ने की। अमित शाह ने इस बैठक में आदेश दिया किया राज्य की सभी सड़कों पर 8 मार्च से आवाजाही चालू हो। सभी बंद रास्ते खोले जाएं।
वहीं शाह ने आदेश दिया कि नशे में लिप्त नेटवर्क को ध्वस्थ किया जाए। शाह ने बैठक में सख्त आदेश देते हुए कहा कि अवरोध उत्पन्न करने वालो पर कड़ी कार्रवाई की जाए। जबरन वसूली करने वालों को भी बख्शा नहीं जाए। उन्हेोंने अंतराराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने का भी आदेश दिया।
गृह मंत्री ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। राज्य में कानून-व्यवस्था की समग्र स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी गई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में मई 2023 से पहले जैसी स्थिति बहाल करने और विभिन्न समूहों के पास मौजूद अवैध एवं लूटे गए हथियार पुलिस को सौंपे जाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला तथा मणिपुर सरकार, सेना और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सात दिन के भीतर स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने का 20 फरवरी को आग्रह किया था। उन्होंने आश्वासन दिया था कि इस अवधि के दौरान हथियार छोड़ने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
इस अवधि में मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से अधिक हथियार जनता द्वारा सौंपे गए। इनमें मैतेई चरमपंथी समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा सौंपे गए 246 आग्नेयास्त्र शामिल हैं। भल्ला ने लूटे गए और अवैध हथियारों को पुलिस को सौंपने की समयसीमा शुक्रवार को बढ़ाकर छह मार्च शाम चार बजे तक कर दी थी। शुक्रवार की सुबह कुकी उग्रवादियों ने करीब 25 तीर्थयात्रियों के समूह पर हमला कर दिया।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कुकी उग्रवादियों ने शुक्रवार को सुबह करीब 9.45 बजे तीर्थयात्रियों पर गोलियां चलाईं, जो राज्य पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों की सुरक्षा में मैतेई समुदाय के एक गुप्त स्थल कोंगबा मारू में मार्च कर रहे थे। गोलीबारी तब शुरू हुई जब तीर्थयात्री अनुष्ठान करने की तैयारी कर रहे थे और पुलिस और सुरक्षा बलों से सुरक्षा आश्वासन के साथ अनुष्ठान किए गए।