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बीबीसी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की

विदेशी निवेश पर 3.44 करोड़ का जुर्माना

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय ने एफडीआई नियमों के कथित उल्लंघन के लिए बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया पर 3.44 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है, अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की। एजेंसी ने ब्रिटिश प्रसारक के खिलाफ फेमा के तहत एक निर्णय आदेश के माध्यम से तीन निदेशकों पर 1.14 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया।

कार्यवाही 4 अगस्त, 2023 को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बाद शुरू हुई, जिसमें विभिन्न नियामक उल्लंघनों के लिए बीबीसी डब्ल्यूएस इंडिया, इसके निदेशकों और वित्त प्रमुख को संबोधित किया गया था। पूर्ण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ काम करने वाली बीबीसी डब्ल्यूएस इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से समाचार और समसामयिक मामलों की सामग्री प्रदान करती है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कंपनी 26 प्रतिशत तक कम करने के बजाय 100 प्रतिशत एफडीआई बनाए रखकर सरकारी नियमों का पालन करने में विफल रही। डीपीआईआईटी द्वारा 18 सितंबर, 2019 को जारी प्रेस नोट 4 के अनुसार, डिजिटल मीडिया संस्थाओं को सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत 26 प्रतिशत एफडीआई सीमा का पालन करना होगा।

बीबीसी डब्ल्यूएस इंडिया पर कुल वित्तीय जुर्माना 3,44,48,850 रुपये है, जिसमें 15 अक्टूबर, 2021 से अनुपालन प्राप्त होने तक 5,000 रुपये का अतिरिक्त दैनिक जुर्माना शामिल है, जो कि फेमा, 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए है। बीबीसी के तीन निदेशकों – जाइल्स एंटनी हंट, इंदु शेखर सिन्हा और पॉल माइकल गिबन्स – को उल्लंघन की अवधि के दौरान उनकी निगरानी के लिए 1,14,82,950 रुपये का व्यक्तिगत जुर्माना लगा है।

यह मामला दरअसल बीबीसी के एक खास प्रसारण के बाद ही सामने आया था, जिसमें बीबीसी के दिल्ली स्थित कार्यालय पर ईडी का छापा पड़ा था। नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक प्रसारण को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। उस दौरान भी विपक्ष ने इसे बदले की भावना से की गयी कार्रवाई करार दिया था।

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