कुलतली के इलाके में रॉयल बंगाल टाईगर का आतंक कायम
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जाल को किसी ने काट दिया था
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करीब जाते ही गरदन दबोच लिया
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लाठी से मार खाकर जंगल में भागा
राष्ट्रीय खबर
कैनिंगः बाघ को पकड़ने की कोशिश में खुद वनकर्मी बाघ के मुंह पर जा गिरा। रॉयल बंगाल टाईगर ने उसकी गर्दन पकड़ ली। गंभीर रूप से घायल होने पर उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दक्षिण 24 परगना के कुलतली प्रखंड के मैपीठ-बैकुंठपुर ग्राम पंचायत इलाके में रविवार रात से ही बाघ का खौफ फैल गया था। वनकर्मी के सबकी नजरों के सामने घायल होने की वजह से आस पास के तमाम गांवों में आतंक व्याप्त हो गया है।
दरअसल ग्रामीणों से बाघ की खबर मिलने पर वन विभाग के रायदिघी रेंज के अंतर्गत नलगोड़ा बिट कार्यालय के कर्मचारी वहां पहुंचे। मैपीठ तटीय पुलिस स्टेशन को भी सूचित किया गया। क्योंकि यह सुंदरवन के समुद्री इलाके में आता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बाघ रात के अंधेरे में गांव में प्रवेश न कर सके, नागनाबाद के मुलर जेट्टी घाट, नंबर 9 के पास गांव की तरफ एक नायलॉन जाल भी लगाया गया था। नतीजा यह हुआ कि रात में भले ही बाघ गांव में नहीं घुसा, लेकिन सुबह खबर मिली कि बाघ नायलॉन जाल के आसपास मौजूद है। तदनुसार, बाघ को पकड़ने की योजना बनाई गई। स्थानीय बाघ टीम के सदस्य बाघ को पकड़ने गए।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार उस समय बाघ ने टाइगर टीम के सदस्य गणेश श्यामल पर हमला कर दिया। उसने अपनी गर्दन काट ली। अपने साथी को बचाने के लिए टीम के बाकी सदस्यों ने बाघ पर लाठियों से प्रहार किया। इसके बाद बाघ वनरक्षक को छोड़कर जंगल में चला गया। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार गणेश को स्थानीय ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, राजकुमार संपुई नामक एक स्थानीय युवक रविवार दोपहर को घाट के पास बैठा हुआ था। तभी उन्होंने श्मशान घाट के पास एक बाघ को घूमते देखा। जब वह गांव वापस लौटा और खबर बताई तो इलाके में दहशत फैल गई। इसके बाद ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर गांव से सटे जंगल की ओर चले गए। उन्होंने वहां बाघ के पैरों के निशान भी देखे।
इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई। रविवार रात ग्रामीणों ने बताया कि बाघ फिर से जंगल में घुस आया है। कुछ लोगों ने बाघ देखने का भी दावा किया। इसके बाद सोमवार सुबह बाघ की तलाश शुरू हुई। वनकर्मियों ने बाघ के पैरों के निशान देखकर उसकी तलाश शुरू कर दी। अचानक झाड़ियों के पास धान के खेत में एक बाघ ने वनकर्मियों पर हमला कर दिया।
उसने तीन वनकर्मियों में से एक को काट लिया। अपने साथी को बचाने के लिए बाकी दो वनकर्मियों ने बाघ को लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप बाघ वनकर्मी से बचकर भाग गया। इसके बाद घायल वनकर्मी को बचाकर अस्पताल भेजा गया। उनकी चोटें गंभीर बताई जा रही हैं।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि बाघ वहां से गांव में प्रवेश कर रहा है, क्योंकि किसी ने जंगल के चारों ओर लगी नायलॉन की जाली काट दी थी। ग्रामीण लोग अक्सर केकड़े और मछलियाँ पकड़ते समय नायलॉन के जाल काट देते हैं। उन्होंने उन्हें इस बारे में सावधान रहने की सलाह दी।