पार्टी ने आठ सदस्यीय ईगल समूह बनाया
राष्ट्रीय खबर
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले, कांग्रेस ने रविवार को चुनाव आयोग द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की निगरानी के लिए आठ सदस्यीय पैनल- ‘नेताओं और विशेषज्ञों का सशक्त कार्य समूह (ईगल)’ का गठन किया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा, कांग्रेस की ओर से यह बहुत गंभीर संदेश है कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है, और अब तक इसका आचरण स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों के अनुरूप नहीं रहा है। चक्रवर्ती ने कहा, समूह समन्वय करेगा और सुनिश्चित करेगा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया जाए।
पार्टी ने एक बयान में कहा कि समिति सबसे पहले महाराष्ट्र मतदाता सूची में हेराफेरी के मुद्दे को उठाएगी और जल्द से जल्द नेतृत्व को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। इस पैनल में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, अभिषेक सिंघवी, प्रवीण चक्रवर्ती और पवन खेड़ा शामिल हैं।
इसके अलावा, गुरदीप सिंह सप्पल, नितिन राउत और चल्ला वामशी चंद रेड्डी भी पैनल का हिस्सा हैं। बयान में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारत के चुनाव आयोग द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन की निगरानी के लिए तत्काल प्रभाव से नेताओं और विशेषज्ञों का एक सशक्त कार्य समूह (ईगल) गठित किया है। महाराष्ट्र के अलावा, ‘ईगल’ अन्य राज्यों में पिछले चुनावों का भी विश्लेषण करेगा और आगामी चुनावों तथा देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन से संबंधित अन्य सभी मुद्दों पर सक्रिय रूप से निगरानी रखेगा।
गौरतलब है कि पैनल का गठन दिल्ली विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले हुआ है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि देश की चुनाव प्रणाली में गंभीर समस्या है और चुनाव आयोग को चुनावों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कुछ गलत होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और विपक्ष महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों की मतदाता सूचियां मांग रहे हैं, जिसे चुनाव आयोग देने से इनकार कर रहा है। उन्होंने मांग की थी कि चुनाव आयोग इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करे। गांधी ने 15 जनवरी को नए पार्टी मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच मतदाताओं की संख्या में करीब एक करोड़ की वृद्धि हुई है, लेकिन चुनाव आयोग न तो विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दे रहा है और न ही मतदाताओं की सूची दे रहा है।