योगी आदित्यनाथ ने हर स्तर के इंतजामों की समीक्षा की
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मौनी अमावस्या पर हुआ था हादसा
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सरकार की कई स्तरों पर आलोचना
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कोई भी हादसा ना हो पर अधिक ध्यान
राष्ट्रीय खबर
महाकुंभनगरः बसंत पंचमी पर महाकुंभ में अमृत स्नान से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को व्यवस्थाओं में शून्य त्रुटि सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। प्रयागराज में समीक्षा बैठक के दौरान आदित्यनाथ ने अखाड़ों की भव्य शोभा यात्रा की आवश्यकता और सभी आवश्यक तैयारियों को समय पर पूरा करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने सुरक्षा के महत्वपूर्ण महत्व पर प्रकाश डाला और आग्रह किया कि सभी उपस्थित लोगों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने अधिकारियों को पार्किंग की जगह बढ़ाने और श्रद्धालुओं के लिए पैदल दूरी कम करने का निर्देश दिया। भीड़भाड़ से बचने के लिए प्रमुख स्थानों पर यातायात प्रबंधन का काम वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सौंपा गया है।
दरअसल मौनी अमावस्या पर भगदड़ से करीब तीस लोगों की मौत से सरकार बचाव की मुद्रा में है। शंकराचार्य सहित कई प्रमुख लोगों ने भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की आलोचना की है और कहा है कि पूरा प्रशासन ही दरअसल वहां आने वाले वीआईपी लोगों की सुरक्षा में जुटा है औऱ आम श्रद्धालुओं पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि प्रमुख स्नान दिवसों, विशेष रूप से रविवार और सोमवार को, जो महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है, से पहले, दौरान या बाद में कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा। यह निर्देश बुधवार को संगम क्षेत्र में भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ के बाद आए हैं जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए।
अमृत स्नान के बहुत महत्वपूर्ण होने के कारण, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने तीर्थयात्रियों के प्रवाह में सहायता के लिए मजबूत अवरोध, ऊंचे साइनेज और उचित प्रकाश व्यवस्था स्थापित करने का निर्देश दिया। बेहतर संचार के लिए सैटेलाइट फोन तैनात किए जाएंगे और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जाएंगे।
आदित्यनाथ ने झूंसी क्षेत्र में संदिग्ध व्यक्तियों की पुलिस जांच और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अतिक्रमण हटाने का भी आदेश दिया। उन्होंने आगे निर्देश दिया कि स्ट्रीट वेंडरों को निर्दिष्ट क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाए और भीड़ को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए नियमित पुलिस गश्त, क्रेन और एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
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