दिल्ली चुनाव में तीन प्रमुख प्रतिद्वंद्वी फिलहाल यही गीत गा रहे हैं। सिर्फ वे गीत ही नहीं गा रहे बल्कि गाड़ी के पैसेंजर को रिझाने के लिए नये नये एलान भी कर रहे हैं। हर कोई जनता जनार्दन को नई सुविधाएं देने की बात कर रहा है।
दरअसल दिल्ली में मुफ्त ईलाज और बेहतर स्कूल के साथ साथ महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा के बाद झारखंड, महाराष्ट्र के पहले बंगाल में महिलाओं के लिए हुए एलान का चुनाव परिणामों पर क्या असर दिखा है, वह तमाम दलों की जेहन में पैठ चुका है।
इसलिए हर कोई मतदाताओं को अपने अपने तरीके से रिझाने की कोशिशों में जुटा है। मकसद सिर्फ एक ही है कि किसी तरह देश की राजधानी में उनकी सरकार बन जाए।
इसी बात पर एक अपने किस्म का अजीब गीत याद आने लगा है। 1998 में रिलीज फिल्म मिस 420 के इस गीत को लिखने के बाद स्वर में ढाला था अनु मलिक ने और उसे स्वर दिया था बाबा सहगल ने। गीत के बोल कुछ इस तरह हैं। धूप में चलोगी तो बाल पक जायेंगे
पैदल चलोगी तो पाँव थक जायेंगे
बात मेरी मान चल मेरे साथ
ना बाबा ना बाबा नॉट तेरे साथ
आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा 4
लॉन्ग ड्राइव जायेंगे फुल स्पीड जायेंगे
कही रुकेंगे न हम
गाना बजाना खाना पीना
गाडी में होगा सनम
आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा 4
लॉन्ग ड्राइव जायेंगे फुल स्पीड जायेंगे
कही रुकेंगे न हम
गाना बजाना खाना पीना
गाडी में होगा सनम
आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा 4
गाडी में आस है
गाडी में सीट है
होंडा जैसी है बोंदा जैसी है
सीट इसकी है नरम नरम
श्याम का टाइम है
गाडी में वाइन है
मौसम भी फाइन है
लव का सिग्न है
खाएँगे जलेबी गरम गरम
चिक बेबी चिक बेबी चिक चिक चिक
दिल मेरा लेले क्विक क्विक क्विक
चिक बेबी चिक बेबी चिक चिक चिक
दिल मेरा लेले क्विक क्विक क्विक
म्यूजिकल हॉर्न है एक का फोन है
जुली का जॉन है मेरा तो कौन है
आजा आजा न कर सरम वरं
डिस्को जाना है गण गण है
दिल पे हा हा है मुँह पे न न है
तोड़ दे तू अपना भरम वरं
लॉन्ग ड्राइव जायेंगे फुल स्पीड जायेंगे
कही रुकेंगे न हम
गाना बजाना खाना पीना
गाडी में होगा सनम
असोमार गाडी पे बेसो
बोसो बोसो बोसो बोसो न
असोमार गाडी पे बेसो
बोसो बोसो बोसो बोसो
ओ मरी गाडी माँ बेसी जाओ
ओ मरी गाडी माँ बेसी जाओ मरी बेन
ओ मरी गाडी माँ बेसी जाओ
ओ मरी गाडी माँ बेसी जाओ
लॉन्ग ड्राइव जायेंगे फुल स्पीड जायेंगे
कही रुकेंगे न हम
गाना बजाना खाना पीना
गाडी में होगा सनम
आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा 4
जाना मस्तुरी है खाना तन्दूरी है
तू मेरी नुरी है क्यों यह दुरी है
मैं तेरा दीवाना मिस लॉन्ग हेयर
लॉन्ग हेयर
मैं तेरा लवर मैं नहीं दफर
पूजि है सीट कवर तुझे है क्या खबर
के न कए नी विल टेक केयर
चिक बेबी चिक बेबी चिक चिक चिक
दिल मेरा लेले क्विक क्विक क्विक
चिक बेबी चिक बेबी चिक चिक चिक
दिल मेरा लेले क्विक क्विक क्विक
फूलों वाली सुण नखरे वाली सुन
माने चुना तुझे तू भी मुझको चुन
चोकी बेबी चखले मैं नहीं काम
तू मेरी लाइफ है फ्यूचर वाइफ है
मैं न रोंग हू तू मिस राइट है
आओ साथ फेरे लेले हम
लॉन्ग ड्राइव जायेंगे फुल स्पीड जायेंगे
कही रुकेंगे न हम
गाना बजाना खाना पीना
गाडी में होगा सनम
आजा सोनी गाडी विच बैठ जा
बैठ जा बैठ जा बैठ जा बैठ जा
आजा सोनी गाडी विच बैठ जा
बैठ जा बैठ जा बैठ जा बैठ जा
लॉन्ग ड्राइव जायेंगे फुल स्पीड जायेंगे
कही रुकेंगे न हम
गाना बजाना खाना पीना
गाडी में होगा सनम
आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा 8
प्लीज आजा प्लीज आजा आजा
आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा 2
फ़ास्ट आजा फ़ास्ट आजा बैठ जा
आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा 3
इस बात पर एक कंफ्यूजन पैदा होता है कि भाई जनता को इतनी सारी सुविधाएं अपनी जेब से दोगे या दूसरे हाथ से मैंगो मैन का जेब ही काट लोगे। जब सिलेंडर सस्त करना ही था तो पहले क्यों नहीं कर दिया। महिलाओं को पैसे देने ही थे तो पहले से क्यों नहीं दिया।
जब मोदी सरकार किसानों को सीधा पैसा ट्रांसफर कर रही थी तो इन वोटरों की ताकत का एहसास नहीं था क्या। बड़े लोगों का कर्ज माफ करते वक्त गरीब की याद क्यों नहीं आयी।
अब लगातार तमाम राज्यों के चुनाव में जब ऐसी ही घोषणाएं होती जा रही है तो सीधे सीधे एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव में एक किस्म की चुनावी घोषणा को भी शामिल कर लेते। इससे कमसे कम अलग अलग चुनावी वादा करने का टंटा निपट जाता।