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किसान नेता दल्लेवाल के स्वास्थ्य पर पंजाब की अजीब दलील

स्वास्थ्य सुधार पर फिर नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट

  • पचास दिनों से अनशन पर हैं वह

  • जब डाक्टर वहां है तो सुधार कैसे

  • कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत ने पूछा

नईदिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने करीब 50 दिनों से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के स्वास्थ्य मापदंडों में ह्यसुधारह्ण के पंजाब सरकार दावे पर बुधवार को नाराजगी जताई और एम्स से राय लेने के लिए उनकी (दल्लेवाल) स्वास्थ्य रिपोर्ट की एक प्रति पेश करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने राज्य सरकार के दावे पर आश्चर्य जताया कि करीब 50 दिनों से अनशन कर रहे व्यक्ति के स्वास्थ्य मापदंडों में कैसे सुधार हुआ।

पीठ ने पंजाब सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पूछा, ऐसा कैसे हो सकता है और एक तरफ आप कह रहे हैं कि आपके डॉक्टर वहां धरना स्थल पर मौजूद हैं। हम जानना चाहते हैं कि मापदंडों (स्वास्थ्य) में कैसे सुधार हो रहा है। पीठ की ओर से यह कहने पर कि वह (दल्लेवाला) 49 दिनों से अनशन कर रहे हैं, उनके स्वास्थ्य मापदंडों में कैसे सुधार हो रहा है, श्री सिब्बल ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य संबंधी मापदंड स्थिर हैं और उनमें सुधार नहीं हो रहा है। पीठ ने उनसे कहा, पिछली बार जब आपने हमें चार्ट दिया था तो आपका दावा था कि उनकी हालत में सुधार हो रहा है। पीठ को बताया गया कि पंजाब सरकार ने दल्लेवाल की व्यापक चिकित्सा जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया है।

पीठ ने श्री सिब्बल से आगे पूछा, तो, आपके अनुसार, 24 दिसंबर, 2024 को प्लेटलेट्स (जो 2,22,000 थे), अब सुधर कर 2,54,000 हो गए हैं। पीठ ने किसान नेता की स्वास्थ्य रिपोर्ट का पूरा सेट मांगा। पीठ ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को दल्लेवाल की जांच रिपोर्ट शीर्ष अदालत की रजिस्ट्रार के पास जमा कराने का निर्देश दिया।

पीठ ने शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि वे मेडिकल बोर्ड से दल्लेवाल की जांच रिपोर्ट पर राय लेने के लिए एम्स निदेशक को रिपोर्ट भेजें। शीर्ष अदालत ने दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में तीन तारीखों पर लिए गए दल्लेवाल के खून के नमूनों के आधार पर जांच के तुलनात्मक चार्ट का हवाला दिया।

पीठ ने अपने आदेश में मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि इन रिपोर्टों का पूरा सेट सौंपने ताकि,  एम्स (दिल्ली) को मेडिकल बोर्ड से दल्लेवाल की चिकित्सा/स्वास्थ्य स्थिति पर राय लेने के लिए कहा जा सके। श्री सिब्बल ने तर्क दिया कि दल्लेवाल को एक अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करने के संबंध में कुछ प्रगति हुई है, जिसे अब विरोध स्थल से 10 मीटर की दूरी पर स्थापित किया गया है। उन्होंने पीठ को यह भी बताया कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी प्रदर्शनकारी किसानों से मिल रहे हैं। इस पर पीठ ने कहा कि श्री सिब्बल ने कहा है कि कुछ सक्रिय कदम उठाए गए हैं और मामले में प्रगति हुई है। इसके बाद पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख मुकर्रर कर दी।

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