लोकसभा में बहस के दौरान अडाणी का मुद्दा छाया रहा
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किरेण रिजिजू ने इन आरोपों का खंडन किया
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सौगत राय ने कहा अर्थव्यवस्था संकट में है
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आम लोगों के हित में क्या कर रही है सरकार
नईदिल्लीः विपक्ष ने सोमवार को लोक सभा में कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों को रोक पाने में असफल रही है और अनुदानों की अनुपूरक मांगे ला रही है। कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने वर्ष 2024-25 के लिये अनुदानों की अनुपूरक मांगे, प्रथम बैच पर चर्चा की शुरुआत करते हुये अडाणी शेयर घोटाले का मामला उठाया और कहा कि जो प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड-सेबी की प्रमुख हैं, वह शेयरों में घोटाले की जांच कैसे कर सकती हैं, जब खुद उन पर इस मामले में आरोप लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार साठगांठ वाली पूंजीवादी व्यवस्था और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।
श्री वेणुगोपाल के सरकार पर लगाये गये आरोपों को लेकर हस्तक्षेप करते हुये संसदीय कार्यमंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि मोदी सरकार ने अडाणी या किसी अन्य को अरबपति नहीं बनाया है। उद्योगपतियों को शह कांग्रेस की सरकारें देती रही हैं, और उन्होंने ही इन उद्योगपतियों को पत्तन तथा अन्य स्थलों पर काम सौंपा है। भाजपा के डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन लाख 43 हजार करोड़ रुपये केंद्र की तरफ से राज्यों को भेजा गया है और उसमें कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई।
समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा ने कहा कि 87762 करोड़ रुपये का अनुपूरक मांगों का बजट है और सरकार का एक माह बाद बजट आना है। तृणमूल कांग्रेस के प्रोफेसर सौगत राय ने कहा कि अनुपूरक मांगों को लेकर विरोध करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि पैसा पहले ही खर्च हो चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई पर नियंत्रण करने को लेकर कोई योजना नहीं लेकर आई है।
उन्होंने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है। अर्थव्यवस्था में बढोतरी के बिना देश आगे नहीं बढ सकता है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने कहा कि अनुदान की अनुपूरक मागों का समर्थन करते हुए कहा कि यह समय की जरूत है। उन्होंने कहा कि मंहगाई में बढोतरी, निजी निवेश में कमी, लोगों की खरीद क्षमता में कमी गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि सरकार घरेलु निवेश को बढावा देने के लिए क्या उपाय कर रही है उसे बताना चाहिए।
उच्च पेंशन का लाभ जल्द देने की लोकसभा में उठी मांग
नईदिल्लीः लोक सभा में सोमवार को रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन के प्रेमचंदन ने कर्मचारी पेंशन योजना, 95 के तहत उच्च पेंशन के बारे में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के दो वर्ष बीत जाने के बावजूद निजी क्षेत्र के सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इसका लाभ न मिल पाने का मुद्दा उठाया।
प्रियंका को बोलने नहीं देने का विरोध
नईदिल्लीः कांग्रेस सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा को सोमवार को लोकसभा में शून्य काल के दौरान अपनी पूरी बात कहने का मौका न दिये जाने के विरोध में कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
श्रीमती वाड्रा शून्य काल के दौरान बंगलादेश के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और सेना मुख्यालय के लाउंज से 1971 के बंगलादेश युद्ध के समय आत्मसमर्पण कर रहे पाकिस्तानी सैनिकों तथा इससे संबंधित चित्र हटाने का मुद्दा उठा रहीं थी, तभी पीठासीन अधिकारी संध्या राय ने दूसरे सदस्य का नाम पुकार दिया।
इस पर कांग्रेस सदस्यों ने अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर उन्हें बोलने का और समय देने की मांग की तथा कहा कि उन्हें रोकने की बजाय अपनी पूरी बात करने का मौका दिया जाना चाहिए। इससे पहले श्रीमती वाड्रा ने कहा कि बंगलादेश में हिन्दुओं और ईसाइयों पर अत्याचार किये जा रहे हैं, इसके विरोध में सरकार को आवाज उठानी चाहिये और बंगलादेश की सरकार के साथ बातचीत कर वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए।
वहां हिंदुओं और ईसाइयों पर हमले हो रहे हैं, उसके खिलाफ सरकार को बोलना चाहिए और जिन अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, उन्हें पूरा समर्थन देना चाहिए। उन्होंने कहा आज सेना के हेडक्वार्टर में से वो तस्वीर उतारी गई है जिसमें पाकिस्तान की सेना भारत के सामने आत्मसमर्पण कर रही है, उस तस्वीर को वापस लगाया जाना चाहिए। बंगलादेश के युद्ध के दौरान पाकिस्तान की सेना के समर्पण करने और युद्ध से जुड़े अन्य चित्रों को सेना मुख्यालय के लाउंज से हटा दिया गया है। ऐसा क्यों किया गया, सरकार को इस इसका जवाब देना चाहिये।