बांग्लादेश का गौ तस्कर रात के अंधेरे में घायल हुआ
राष्ट्रीय खबर
कूचबिहारः कूचबिहार के दिनहाटा के गीतालदह बॉर्डर पर नये किस्म की फायरिंग हुई। बीएसएफ की रबर की गोलियों से एक बांग्लादेशी नागरिक घायल हो गया। सीमा सुरक्षा बल का दावा है कि यह शख्स गाय तस्करी में शामिल है। घटना शनिवार सुबह बांग्लादेश सीमा के दिनहाटा 1 ब्लॉक के मदनाकुरा इलाके में हुई। बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश के लालमोनिरहाट निवासी एक व्यक्ति रबर की गोली से घायल हो गया। बीएसएफ के मुताबिक, घायल शख्स का नाम हेलाल हुसैन है। उन्हें कूचबिहार एमजेएन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, रात के अंधेरे में गाय की तस्करी की कोशिश की जा रही थी। जब बीएसएफ के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। मजबूरन जवानों ने रबर की गोलियां चलाईं। दिनहाटा उप-विभागीय पुलिस अधिकारी धीमान मित्रा ने कहा, घटना के संबंध में शनिवार रात तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की गई है।
इस बीच, शुक्रवार को जलपाईगुड़ी के चाणक्या बीओपी पर हथियारबंद बदमाशों के हमले के बाद बीएसएफ ने जिले में बांग्लादेश सीमा से लगी सभी चौकियों पर जवानों की संख्या बढ़ा दी है। शनिवार से सीमा निगरानी शिविरों पर अतिरिक्त कर्मियों को भी तैनात किया गया है। बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक, भारतीय नागरिकों को भी जीरो प्वाइंट के पास कंटीले तारों से घिरे गांवों में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जा रही है।
इस दिन से कंटीले तारों की बाड़ से परे भारतीय क्षेत्र के सभी गाँव बाहरी लोगों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, बीएसएफ ने बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड की निलफामारी यूनिट को एक जरूरी संदेश भेजा है। उस संदेश में बांग्लादेश के सीमा रक्षक बल को सक्रिय रहने के लिए कहा गया है। देर रात तक सीमा पर निगरानी रखने को भी कहा गया है।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में जानकारी मिली है कि सीमावर्ती इलाकों में रात के समय बांग्लादेशी बलों की निगरानी नहीं होती है। दावा किया गया है कि यह दोनों देशों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के एक वर्ग का मानना है कि शुक्रवार की सुबह भारत की चाणक्य सीमा चौकी पर बांग्लादेश के सशस्त्र बदमाशों द्वारा किया गया हमला संभव नहीं होता अगर बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा बल रात में निगरानी कर रहे होते।
जलपाईगुड़ी जिले में करीब 17 किमी के सीमा क्षेत्र में कंटीले तारों की बाड़ नहीं है। वे इलाके बीएसएफ के लिए चिंता का कारण बन गए हैं। सूत्रों का दावा है कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने उन इलाकों को रेड स्पॉट के रूप में चिह्नित करते हुए एक संदेश भी भेजा है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक मुख्य रूप से दो आशंकाएं बतायी गयी हैं।
सबसे पहले, बांग्लादेश में चल रही अस्थिरता के कारण, उस देश के अल्पसंख्यक निवासी और आतंकवादी समूहों के सदस्य इन क्षेत्रों के माध्यम से अल्पसंख्यकों की आड़ में प्रवेश कर सकते हैं। दूसरे, योजनाबद्ध तरीके से गश्त पर तैनात बीएसएफ जवानों को प्रेरित किया जा सकेगा।
इसीलिए कंटीले तारों वाले इलाकों में निगरानी कैंपों में एक की जगह दो से चार जवानों को तैनात किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, हालात को देखते हुए बीएसएफ जवानों को कुछ इलाकों में ‘जीरो प्वाइंट’ से आगे बढ़ने की छूट दी गई है। कंटीले तारों के पास सीमा सड़क पर भी अज्ञात या बाहरी लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है।