प्रधानमंत्री से मणिपुर का दौरा करने का फिर आग्रह
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तीन मई से राज्य हिंसा पीड़ित है
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लोगों के घावों पर मलहम की जरूरत
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राज्य और केंद्र सरकार चुप्पी साधे है
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः मणिपुर कांग्रेस तथा इंडिया गठबंधन के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर का दौरा करने का आग्रह करते हुए शुक्रवार को कहा कि करीब डेढ साल से मणिपुर जल रहा है,लाखों लोग हिंसा के शिकार हो चुके हैं लेकिन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है, इसलिए प्रधानमंत्री को वहां जाना चाहिए और यदि समय नहीं हो तो इस मामले में सर्वदलीय बैठक बुलाएं।
मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष एवं विधायक के मेघचंद्र सिंह और मणिपुर में इंडिया समूह से संबद्ध 10 राजनीतिक दलों के संयोजक क्षेत्रमयूम शांता के नेतृत्व में प्रदेश के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज यहां श्री मोदी को ज्ञापन सौंपा और कहा कि मणिपुर पिछले वर्ष तीन मई से जल रहा है। वहां के पीड़ित लोगों के घावों पर मलहम लगाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि श्री मोदी को इस माह के अंत तक मणिपुर का दौरा करना चाहिए या इस मामले में अपने आवास या कार्यालय पर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहिए। प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपने से पहले श्री मेघचंद्र सिंह, श्री क्षेत्रमयूम शांता तथा प्रतिनिधि मंडल के अन्य सदस्यों ने आज यहां विजय चौक पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मणिपुर जल रहा है लेकिन केंद्र सरकार उसकी सुध नहीं ले रही है।
राज्य सरकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के नियंत्रण में है लेकिन केंद्र और राज्य सरकार कोई भी मणिपुर को जलाने से बचाने के लिए काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मणिपुर के लोग अपनी आवाज आप तक पहुंचाना चाहते हैं, इसलिए डेढ़ साल से आपका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहां हो रही हिंसक घटनाओं ने पूरे राज्य को तबाह कर दिया है और इसकी वजह से एक लाख से अधिक लोगों विस्थापित हो गये हैं तथा सैकड़ों लोग मारे गये हैं।
इससे पूरे राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। हिंसा मणिपुर के लोगों को अभूतपूर्व दर्द और आघात दे रही है और उनमें भय तथा असहाय होने के भाव को बढ़ा रही है। मणिपुर के नेताओं ने श्री मोदी से मांग करते हुए कहा, आप साल के समाप्त होने से पहले मणिपुर जाकर वहां के लोगों की पीड़ा दूर करें। यदि आपके पास समय नहीं है तो मणिपुर के सभी राजनीतिक दलों को अपने कार्यालय या अपने निवास पर बुलाकर उनसे बात करें। मणिपुर के लोगों के साथ आपका सक्रिय जुड़ाव ही वहां शांति और सामान्य स्थिति बहाल कर सकती है।