शहरी मतदाताओं ने किया राजनीतिक दलों को निराश
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सभी सीटों पर ग्रामीण वोटर सक्रिय
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यूपी में सपा और भाजपा का विवाद
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आईडी चेक करने में पुलिस निलंबित
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः दो राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ साथ हो रहे उपचुनावों में तमाम कोशिशों के बाद भी शहरी मतदान के प्रतिशत में उल्लेखनीय सुधार नहीं देखा गया है। भारत के चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 58.22 प्रतिशत मतदान हुआ।
इस बीच, झारखंड में राज्य के चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में शाम 5 बजे तक 38 विधानसभा क्षेत्रों में 67.59 प्रतिशत मतदान हुआ। औरंगाबाद में शाम 5 बजे तक 60.83 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि अहमदनगर में 61.95 प्रतिशत मतदान हुआ। दूसरी ओर मुंबई में 49.07 प्रतिशत और नागपुर में 56.06 प्रतिशत मतदान हुआ।
सतारा में 64.16 प्रतिशत मतदान हुआ। महाराष्ट्र के चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन – जिसमें भाजपा, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी शामिल हैं – और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) शामिल हैं।
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा क्षेत्रों में एक चरण में होने वाले चुनाव के लिए मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे समाप्त हुआ। मुकाबला सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन – भाजपा, शिवसेना और एनसीपी (अजीत पवार गुट) और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) – कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के बीच है।
2019 के चुनावों में, भाजपा ने सबसे अधिक सीटें (105) जीतीं, उसके बाद शिवसेना (56) और कांग्रेस (44) रहीं। झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में मतदान हो रहा है। पहला चरण 13 नवंबर को हुआ था। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ झामुमो के नेतृत्व वाले भारत ब्लॉक और भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच है।
कटहरी में वोटिंग के दौरान मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बुधवार को दिनभर पुलिस की ज्यादती के आरोप सामने आते रहे। कई पुरुष व महिला मतदाताओं ने वोट डालने से रोकने और वापस कर देने का आरोप खुलकर लगाया। सांसद लालजी वर्मा से लेकर पार्टी सुप्रीमों अखिलेश यादव लगातार चुनाव आयोग से पुलिस के रवैये की शिकायत करते रहे।
वोटरों के वीडियो बयान भी टैग किए जाते रहे। बुधवार सुबह मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई तो कुछ देर बाद से ही अलनपुंर, इल्तिफातगंज, व मिझौड़ा आदि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में पुलिस द्वारा मतदान करने से रोकने की शिकायत सामने आने लगी। शिकायतों ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ा तो अधिकारी भी मौके पर पहुंचते रहे।
हालांकि अधिकारियों के हटते ही पुलिस कर्मियों की मनमानी फिर से शुरू हो जाने के आरोप लगने लगे। कई जगह पर मतदाताओं ने पुलिस कर्मियों का डटकर विरोध भी किया। मिझौड़ा में एकजुट हुई महिलाओं ने धरने की चेतावनी दी तब जाकर पुलिस कर्मियों का दबाव कुछ कम हुआ। सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा ने डीएम से मिलकर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में पुलिस की ज्यादती की शिकायत भी की।
यूपी में सपा सांसद लालजी वर्मा ने चुनाव आयोग को ट्वीट किया तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वोटिंग से रोकने के लिए पुलिस कर्मियों द्वारा बनाए जा रहे दबाव व अभद्र व्यवहार करने के आरोप से जुड़ा वीडियो चुनाव आयोग को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की।
समाजवादी पार्टी (सपा) महासचिव प्रो रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया है कि करहल विधानसभा उपचुनाव में कई मतदान केंद्रों पर सपा के वोटरों को मतदान से रोका जा रहा है हालांकि जिला प्रशासन ने आरोप को सिरे नकार दिया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में पुलिसकर्मियों द्वारा मतदाताओं के पहचान पत्र जांचने के आरोप के मद्देनजर पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि आयोग के संज्ञान में आया था कि कुछ मतदान केंद्रों पर पुलिस वाले मतदाताओं के पहचान पत्र चेक कर रहे हैं जो सही नहीं है।
इस बारे में प्रथम दृष्टया जांच के उपरांत कानपुर और मुजफ्फरनगर में दो दो और मुरादाबाद में एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। उन्होने बताया कि मतदानकर्मी सभी मतदाताओं की आईडी चेक करेंगे। इस बारे में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए है। पुलिस आईडी चेक नहीं करेगी।