आम आदमी पार्टी के नेताओं का अनुमान सही निकला
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खट्टर की मौजूदगी में सदस्यता ली
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पार्टी बदलने पर काफी सफाई भी दी
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स्वतंत्र व्यक्ति हैं गहलोतः केजरीवाल
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री और रविवार तक सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक कैलाश गहलोत आज सुबह केंद्रीय मंत्री एमएल खट्टर और हर्ष मल्होत्रा की मौजूदगी में प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। श्री खट्टर ने श्री गहलोत के शामिल होने को एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया, खासकर फरवरी में होने वाले चुनाव से पहले।
श्री गहलोत ने भाजपा में शामिल होने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में कहा, यह मेरे लिए आसान कदम नहीं है, मैं अन्ना हजारे (भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता जिनके लोकप्रिय आंदोलन से आप का जन्म हुआ) के समय से ही आप का हिस्सा था और मैंने विधायक और मंत्री के रूप में दिल्ली के लिए काम किया है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, कुछ लोग सोच सकते हैं कि यह रातोंरात लिया गया निर्णय है या दबाव के कारण लिया गया है। लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैंने कभी भी दबाव के कारण कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने इस अटकल को दृढ़ता से खारिज कर दिया कि यह कदम संघीय जांच एजेंसियों के दबाव का परिणाम था।
इस पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने वाले दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत एक स्वतंत्र व्यक्ति हैं और जहां चाहें जा सकते हैं। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, वे स्वतंत्र हैं, जहां चाहें जा सकते हैं।
दिल्ली सरकार में परिवहन विभाग संभाल चुके श्री गहलोत आप और मंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा कार्यालय में शामिल हो गए। उनका इस्तीफा 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले आया है। इससे पहले दिन में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि श्री गहलोत के इस्तीफे के बाद केजरीवाल डरे हुए हैं।
इसका मतलब यह है कि यह स्पष्ट है कि कैलाश गहलोत बहुत सारे रहस्यों को उजागर कर सकते हैं। यही कारण है कि राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व सीएम ने सवालों के जवाब नहीं दिए और एक विधायक ने जवाब देने का प्रयास किया। इससे साफ पता चलता है कि केजरीवाल डरे हुए हैं और सवालों से बच रहे हैं।
कैलाश गहलोत के दिल और दिमाग में कौन से रहस्य छिपे हैं जिन्हें सामने लाने से अरविंद केजरीवाल डर रहे हैं? दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद ही आप नेताओं ने कहा था कि दरअसल जांच एजेंसियों की पूछताछ के दबाव में श्री गहलोत ने ऐसा फैसला लिया है। पार्टी छोड़ने के बाद उनका अगला ठिकाना भाजपा ही होगा। यह बयान भी आज सही साबित हो गया।