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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल मास्को जाएंगे

रूस-यूक्रेन शांति वार्ता के लिए भारत का अनौपचारिक प्रयास

राष्ट्रीय खबर

 

नई दिल्ली: सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस सप्ताह रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के उद्देश्य से चर्चा करने के लिए मास्को जाएंगे।

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूक्रेन का दौरा करने और वहां के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात करने तथा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात करने के बाद हुआ है।

यूक्रेन की अपनी यात्रा के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री ने 27 अगस्त को राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की।

रूसी दूतावास के एक बयान में कहा गया कि फोन कॉल के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को कियेब की अपनी हालिया यात्रा के बारे में बताया तथा राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से यूक्रेन के लिए समझौता करने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

सूत्रों के अनुसार, इस फोन कॉल के दौरान ही नेताओं ने फैसला किया कि एनएसए डोभाल को मास्को भेजा जाएगा। इस यात्रा के कार्यक्रम के बारे में फिलहाल कोई विवरण उपलब्ध नहीं है।

बयान में कहा गया, व्लादिमीर पुतिन ने कियेब अधिकारियों तथा उनके पश्चिमी संरक्षकों की विनाशकारी नीतियों के बारे में अपना सैद्धांतिक आकलन साझा किया

तथा इस संघर्ष को सुलझाने के लिए रूस के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

पीएमओ की एक विज्ञप्ति में कहा गया, पीएम ने यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा से प्राप्त अंतर्दृष्टि साझा की।

उन्होंने संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों के बीच संवाद और कूटनीति के साथ-साथ ईमानदार और व्यावहारिक जुड़ाव के महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर संघर्ष के शीघ्र, स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया।

पिछले महीने प्रधानमंत्री यूक्रेन में थे और वहां के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मिले थे। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने 2022 में बढ़ने वाले रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की। चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, भारत कभी भी तटस्थ नहीं रहा, हम हमेशा शांति के पक्ष में रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर रूस के संपर्क में रहने वाले तीन देशों में भारत का नाम भी शामिल किया है।

पुतिन ने कहा, हम अपने मित्रों और साझेदारों का सम्मान करते हैं, जो, मेरा मानना ​​है, इस संघर्ष से जुड़े सभी मुद्दों को ईमानदारी से हल करना चाहते हैं, मुख्य रूप से चीन, ब्राजील और भारत। मैं इस मुद्दे पर अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में रहता हूं। अन्य विश्व नेताओं का भी मानना ​​है कि भारत यूक्रेन संघर्ष का समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

इतालवी प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने कल यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ बातचीत की और कहा कि भारत और चीन संघर्ष का समाधान खोजने में भूमिका निभा सकते हैं। इतालवी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने कहा, चीन और भारत को संघर्ष को हल करने में भूमिका निभानी है। जो नहीं होना चाहिए वह यह है कि यह सोचा जाए कि यूक्रेन को उसके भाग्य पर छोड़ कर संघर्ष को हल किया जा सकता है।

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