डीजीपी और मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस
-
वाई वी चंद्रचूड़ का ही पूर्व का फैसला
-
केंद्रीय गृह सचिव और यूपीएससी भी प्रतिवादी
-
चुनाव आयोग का पूर्व फैसला सबकी जानकारी में
राष्ट्रीय खबर
रांचीः सुप्रीम कोर्ट ने वही कदम उठाया है, जिसकी पहले से ही उम्मीद की जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार और राज्य के प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उस याचिका के जवाब में जारी किया गया है जिसमें डीजीपी के रूप में अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में तर्क दिया गया है कि डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति अस्थायी आधार पर की गई थी, जो सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले के खिलाफ है।
देखें इससे संबंधित वीडियो
इस फैसले ने विभिन्न राज्यों में डीजीपी की नियुक्ति के लिए विशिष्ट प्रक्रियाएं स्थापित की थीं। दरअसल जब पूर्व के मामले का फैसला सुनाया गया था तो वर्तमान मुख्य न्यायाधीश ही इस मामले के न्यायमूर्ति थे। उस आदेश में साफ साफ अवमानना के विषय को दर्ज कर दिया गया था।
इसके बाद भी हेमंत सोरेन की सरकार ने पूर्व डीजीपी अजय कुमार सिंह का निर्धारित कार्यकाल समाप्त होने के पहले ही उन्हें बिना किसी खास कारण बताए हटा दिया और अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया।
अनुराग गुप्ता के पास राज्य के दो अन्य महत्वपूर्ण पुलिस विभाग यानी स्पेशल ब्रांच और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का प्रभार पहले से है।
आम तौर पर पुलिस विभाग में बेहतर पारदर्शिता का ध्यान रखते हुए यह तीनों महत्वपूर्ण विभाग किसी एक को नहीं सौपा जा सकता है।
हेमंत सरकार के इस फैसले के बाद ही राष्ट्रीय खबर ने संभावित अवमानना की कार्रवाई की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। अब शीर्ष अदालत ने अवमानना याचिका के संबंध में मुख्य सचिव एल खियांगते और कार्यवाहक डीजीपी से भी जवाब मांगा है।
याचिका में दावा किया गया है कि नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित अनिवार्य दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया। जुलाई महीने में सौपा था अतिरिक्त कार्यभार आपको बता दें कि जुलाई महीने में आईपीएस अनुराग गुप्ता को झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने यह निर्णय लिया था। अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह की जगह राज्य पुलिस प्रमुख बनाये गये। याद दिला दें कि राज्यसभा चुनाव हार्स ट्रेडिंग में भी अनुराग गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
उस समय चुनाव आयोग के निर्देश पर उन्हें झारखंड से हटाकर दिल्ली पदस्थापित किया गया था। वैसे पूर्व का मामला ऐसा है कि 11 फरवरी, 2023 को नीरज सिन्हा के सेवानिवृत्त होने के बाद डीजीपी नियुक्त किया गया था। सिन्हा 31 जनवरी, 2022 को सेवानिवृत्त होने के बाद भी इस पद पर बने रहे, जिसके कारण कानूनी विवाद हुआ।
उसी समय वर्तमान मुख्य न्यायाधीश ने पूरी प्रक्रिया के संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी कर अवमानना संबंधी लक्ष्मण रेखा खींच दी थी, जिसका अभी हेमंत सरकार ने उल्लंघन किया है। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के पश्चात दो सप्ताह का समय दिया है अपना जवाब फाइल करने के लिए अगली सुनवाई 2 सप्ताह के बाद होगी सुप्रीम कोर्ट ने कहा उसके कोर्ट का आदेश का उल्लंघन हुआ है।
इसलिए भारत सरकार के गृह सचिव और यूपीएससी को भी नोटिस जारी किया है क्योंकि झारखंड में पुलिस महानिदेशक के पद पर अजय कुमार सिंह की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार पैनल के थ्रू हुआ था लेकिन बीच में ही बिना किसी शो काज के सरकार ने उन्हें हटा के अनुराग गुप्ता को प्रभारी पुलिस महानिदेशक बना दिया था आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए नोटिस जारी किया है।