राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनों की राय
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर न्याय के खिलाफ की गई टिप्पणी का स्वागत करते हुए शीर्ष अदालत से नागरिकों की सुरक्षा के लिए इस मामले पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया। भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण ‘बुलडोजर नीति’ पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है।
मानवता और न्याय को बुलडोजर के नीचे कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने उजागर हो गया है, श्री गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा। कांग्रेस नेता ने कहा कि बुलडोजर न केवल बेलगाम शक्ति का प्रतीक है, बल्कि नागरिक अधिकारों को कुचलकर लगातार कानून को चुनौती देता है।
उन्होंने कहा कि तत्काल न्याय की आड़ में इसका उद्देश्य भय का राज स्थापित करना है और अक्सर बहुजनों और गरीबों के घर बुलडोजर के पहियों के नीचे आते हैं।
श्री गांधी ने कहा, हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करेगा और नागरिकों को भाजपा सरकारों के लोकतंत्र विरोधी अभियान से बचाएगा।
उन्होंने कहा कि देश बाबा साहेब के संविधान से चलेगा न कि सत्ता के चाबुक से। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि बुलडोजर का इस्तेमाल असंवैधानिक है और कहा कि न्याय का बुलडोजर आखिरकार चल पड़ा है। उनकी टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर न्याय के खिलाफ कड़ी आलोचना के बाद आई है,
जिसमें कहा गया था कि संपत्ति को सिर्फ इसलिए नहीं गिराया जा सकता क्योंकि वह किसी ऐसे व्यक्ति की है जिस पर अपराध का आरोप है। अदालत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर दिशा-निर्देश निर्धारित करने का प्रस्ताव करती है। बुलडोजर चलाना असंवैधानिक था और पहले से हम लोग इस बात को उठाते रहे। मैं धन्यवाद देता हूं, बधाई देता हूं कि न्याय का बुलडोजर चल गया है।
बुलडोजर चलाना असंवैधानिक था और हम इस मुद्दे को लंबे समय से उठा रहे थे। मैं सभी को धन्यवाद और बधाई देता हूं कि आखिरकार न्याय का बुलडोजर चल पड़ा है। अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कन्नौज से लोकसभा सांसद ने भी एक्स पर लिखा, अन्याय के बुलडोजर से बड़ा होता है न्याय का बुलडोजर।