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हरियाणा चुनाव से ठीक पहले ईडी फिर से कई इलाकों में सक्रिय

इस कंपनी से मेरा कोई लेना देना नहीः भूपेंद्र हुड्डा

राष्ट्रीय खबर

चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गुरुवार को एक रियल्टी समूह की संपत्तियों की अनंतिम कुर्की की कार्रवाई का उनसे कोई लेना-देना नहीं है। गुरुवार को ईडी ने गुड़गांव और दिल्ली में 834 करोड़ रुपये मूल्य की 402 एकड़ जमीन जब्त की, जो एमार इंडिया लिमिटेड (501 करोड़ रुपये) और एमजीएफ डेवलपमेंट लिमिटेड (333 करोड़ रुपये) की है।

यह जमीन गुड़गांव और दिल्ली के 20 गांवों में स्थित है। दोनों कंपनियों पर गुड़गांव के सेक्टर 65 और 66 में पड़ने वाली आवासीय प्लॉटेड कॉलोनी के लिए नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (डीटीसीपी) से प्राप्त लाइसेंस के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जांच की जा रही है।

ईडी ने सीबीआई द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत हुड्डा, तत्कालीन हरियाणा के सीएम, त्रिलोक चंद गुप्ता, तत्कालीन निदेशक, डीटीसीपी, एमार और 14 अन्य कॉलोनाइजरों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।

शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने चुनावों से पहले इस कदम पर सवाल उठाया। ईडी का मतलब भाजपा का चुनाव विभाग है। जब भी और जहां भी चुनाव होते हैं, ये एजेंसियां, ईडी, सीबीआई और आयकर, खबरों में रहने के लिए कार्रवाई का सहारा लेती हैं।

उनके कार्यों का कोई वजन नहीं है। पिछले 10 वर्षों में भाजपा की सरकार थी, लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की। कैथल में मीडिया से बातचीत के दौरान सुरजेवाला ने कहा, इस तरह की जंगली धमकियां कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को प्रभावित नहीं करेंगी।

प्रवर्तन निदेशालय ने हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डेवलपर्स एमार इंडिया लिमिटेड और एमजीएफ डेवलपमेंट्स लिमिटेड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली और गुड़गांव में 834 करोड़ रुपये की 402 एकड़ जमीन कुर्क की है।

यह मामला हुड्डा के कार्यकाल के दौरान प्राप्त अवैध भूमि लाइसेंस से संबंधित है। महादेव ऑनलाइन बुक समूह से जुड़े फेयरप्ले गेमिंग-बेटिंग ऐप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली और गुड़गांव में फिनटेक फर्मों सहित नौ स्थानों पर छापे मारे। ऐप ने शेल और फिनटेक फर्मों के माध्यम से अवैध रूप से धन जुटाया, साथ ही अवैध रूप से आईपीएल मैचों को स्ट्रीम किया और हाल के चुनाव परिणामों पर दांव स्वीकार किए।

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