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हाजिर नहीं हुए तो गैर जमानती वारंटीः सुप्रीम कोर्ट

झारखंड सहित 18 राज्यों के मुख्य सचिवों को चेतावनी

  • न्यायिक वेतन आयोग का मामला है

  • पूर्व निर्देश के बाद भी लागू नहीं हुआ

  • वीडियो कांफ्रेंसिंग का प्रस्ताव खारिज

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने 18 राज्यों के मुख्य सचिव को तलब किया है। अभी कोलकाता के अस्पताल के डॉक्टर के बलात्कार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के दौरान ही यह मुद्दा सामने आया है। शीर्ष अदालत ने 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तत्काल पेश होने का आदेश दिया है। एक अन्य मामले के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने उन 18 राज्यों के मुख्य सचिवों को 27 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया है। जिन राज्यों के मुख्य सचिवों को बुलाया गया है, उनमें झारखंड राज्य भी शामिल है।

इन 18 राज्यों के खिलाफ शिकायत यह है कि उन्होंने बार-बार समय सीमा के बावजूद दूसरे न्यायिक वेतन आयोग के दिशानिर्देशों को लागू नहीं किया है। न्यायिक वेतन आयोग ने राज्य की न्यायपालिका के कर्मचारियों के वेतन, बकाया पेंशन और विभिन्न सेवानिवृत्ति लाभों में वृद्धि की सिफारिश की है। जबकि कुछ राज्यों ने नियम लागू किया है, 18 राज्यों ने नहीं किया है।

सुप्रीम कोर्ट इससे नाराज है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई में साफ कर दिया कि इन 18 राज्यों के मुख्य सचिवों को 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा। पहले भी कई बार बुलाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुप्रीम सुनवाई में शामिल होना चाहते थे, लेकिन अनुरोध खारिज कर दिया गया।

चीफ जस्टिस ने साफ किया कि अगली सुनवाई में जरूर शामिल होना होगा। अनुमति नहीं मिलने पर गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा। जिन 18 राज्यों और मुख्य सचिवों को तलब किया गया है उनमें बंगाल भी शामिल है। अन्य राज्य हैं तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, असम, नागालैंड, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, झारखंड, केरल, बिहार, गोवा, हरियाणा और ओडिशा।

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