बदले माहौल को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं ट्रंप
वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल के वोटरों की अहमियत और साफ होने लगी है।
माहौल के बदलने की वजह से अब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी रणनीति बदलने पर मजबूर होना पड़ा है। दरअसल जो बिडेन के बदले उनके खिलाफ मैदान में कमला हैरिस के आने से यह परेशानी बढ़ी है।
इस वजह से अब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कमला हैरिस के मुकाबले के लिए भारतीय मूल की पूर्व डेमोक्रेट तुलसी को मैदान में उतारा है।
वह भारत के प्रति अपने प्रेम के बारे में खुलकर बात करते हैं। उनके अनुसार हिंदू धर्म ही सर्वोत्तम धर्म है! गीता सर्वोत्तम ग्रन्थ है। तो उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गीता उपहार में देकर सुर्खियां बटोरीं।
अमेरिकी कांग्रेस की पूर्व डेमोक्रेट सदस्य तुलसी गबार्ड को वहां की मीडिया के मुताबिक इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अपनी प्रचार टीम में रखने जा रहे हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के एक वर्ग का मानना है कि ट्रंप का यह कदम राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के भारतीय मूल के वोट बैंक को तोड़ने के लिए है। कभी अमेरिकी कांग्रेस में एकमात्र हिंदू प्रतिनिधि रहीं तुलसी ने राष्ट्रपति जो बिडेन पर नस्लवादी गतिविधियों का आरोप लगाने के बाद 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी। संयोग से, 2020 में बिडेन के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल हो गए।
लेकिन अंत में वह डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर प्रतिस्पर्धा में पिछड़ गए। न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि रिपब्लिकन पार्टी से संबंधित मुद्दों पर फ्लोरिडा के मरे-ए-लागो में ट्रम्प की हवेली में एक बैठक आयोजित की गई थी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार। तुलसी वहां मौजूद थी। ट्रंप और कमला के बीच 10 सितंबर को पहली राष्ट्रपति बहस होगी। मरे-ए-लागो बैठक में मौजूद दो रिपब्लिकन नेताओं ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि तुलसी आमने-सामने की बहस की तैयारी में ट्रम्प के सहयोगियों में से एक के रूप में काम कर रहे थे।