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हम आजादी को हल्के में नहीं ले सकतेः सीजेआई

सुप्रीम कोर्ट परिसर में झंडोत्तोलन के मौके पर कहा

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः स्वतंत्रता दिवस संविधान में निहित मूल्यों को पुनर्जीवित करता है और नागरिकों को एक-दूसरे और राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों की याद दिलाता है, डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि पड़ोसी बांग्लादेश में हुई घटनाएं हमें स्पष्ट रूप से याद दिलाती हैं कि हमें अपनी स्वतंत्रता और आजादी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस संविधान में निहित मूल्यों को पुनर्जीवित करता है और नागरिकों को एक-दूसरे और राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों की याद दिलाता है, मुख्य न्यायाधीश ने कहा।

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद सुप्रीम कोर्ट परिसर में अपने संबोधन में कहा, आज, बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह स्पष्ट रूप से याद दिलाता है कि स्वतंत्रता हमारे लिए कितनी कीमती है… स्वतंत्रता को हल्के में लेना बहुत आसान है, स्वतंत्रता को हल्के में लेना सरल है। लेकिन हमें अपने अतीत स्वतंत्रता संग्राम और आपातकाल के दिनों को देखना चाहिए ताकि हमें याद रहे कि स्वतंत्रता कितनी कीमती है।

इस मौके पर वहां मौजूद केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में संविधान सर्वोच्च है। श्री मेघवाल ने कहा, यदि इसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका द्वारा आत्मसात कर लिया जाए, तो भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के शब्दों को याद किया। श्री सिब्बल ने कहा, 15 अगस्त को उन्होंने कहा था कि मैं भारत के लोगों का पहला सेवक हूं। इसी भावना से हम अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहते हैं। हमें स्वतंत्र होने की जरूरत है, समानता की जरूरत है, गरीबी से छुटकारा पाने की जरूरत है।

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