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पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

इसरो जासूसी कांड में तीस साल बाद सीबीआई सक्रिय

राष्ट्रीय खबर

तिरुवनंतपुरम: सीबीआई ने 1994 के इसरो जासूसी मामले में अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन को कथित तौर पर फंसाने के सिलसिले में यहां की एक अदालत में पांच व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद 2021 में दर्ज मामले में किसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है, यह अभी पता नहीं चल पाया है।

15 अप्रैल, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि इसरो वैज्ञानिक नारायणन से जुड़े 1994 के जासूसी मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी जाए।

इस मामले की उस वक्त काफी चर्चा हुई थी और देश के प्रमुख वैज्ञानिक आरोपों के वाण झेलते रहे थे। केरल पुलिस ने अक्टूबर 1994 में मालदीव की नागरिक रशीदा को तिरुवनंतपुरम में पाकिस्तान को बेचने के लिए इसरो रॉकेट इंजन के गुप्त चित्र प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद दो मामले दर्ज किए थे।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में क्रायोजेनिक परियोजना के तत्कालीन निदेशक नारायणन को तत्कालीन इसरो उप निदेशक डी शशिकुमारन और रशीदा के मालदीव के दोस्त फ़ौसिया हसन के साथ गिरफ़्तार किया गया था। सीबीआई जांच में आरोप झूठे पाए गए थे।

पूर्व इसरो वैज्ञानिक के खिलाफ़ पुलिस कार्रवाई को मनोरोगी उपचार करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 में कहा था कि उनकी स्वतंत्रता और गरिमा, जो उनके मानवाधिकारों के लिए बुनियादी है, को ख़तरे में डाला गया क्योंकि उन्हें हिरासत में लिया गया और अतीत के सभी गौरव के बावजूद, अंततः निंदनीय घृणा का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

वैसे सीबीआई की इस कार्रवाई के पहले ही जनता यह मान चुकी थी कि नंबी नारायण को साजिश के तहत फंसाया गया था और उन्हें सामाजिक तौर पर खुले मन से स्वीकार भी कर लिया गया था। इस पूरे कांड पर सीबीआई की चार्जशीट से पहले एक फिल्म भी बनकर तैयार हो चुकी है।

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